देहरादून: शांति होम्योंपैथिक हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। केन्द्र संचालिका डा. सीमा कौशिक ने बताया कि होम्योपैथी के जनक डा. क्रिस्टियन फ्रेडरिक सेमुअल हेनमन के जन्दिन को होम्योपैथी के संबंध में लोगों को जागरूक किया जाना आवश्यक है। उन्होंने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से जुड़ी भ्रांतियों और उनकी वास्तविकताओं को लेकर लोगों के प्रश्नोंके जवाब भी दिए
होम्योपैथिक के जनक को किया याद
विश्व होम्योपैथी दिवस पर शांति होम्योंपैथिक हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में कार्यक्रम आयोजित किए गए। वक्ताओं ने कहा कि बिना वैकल्पिक एवं परम्परागत औषधियों को बढ़ावा दिए सार्वाभौमिक स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों में विश्व में होम्योपैथी का प्रमुख स्थान है।
इस दौरान होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के जनक डी0 सैम्युल हैनिमैन को भी याद किया गया। शांति होम्योपैथिक हाॅस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में इस उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आमजन को होम्योपैथी को लेकर जागरूक किया गया। केन्द्र संचालिका डाॅ0 सीमा कौशिक की ओर से होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से जुड़ी भ्रांतियों व व वास्तविकता पर गहन चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी किसी का भी विकल्प नहीं, बल्कि एक संूर्ण चिकितसाविज्ञान है। यह दुर्भाग्य है कि चिकित्सा जगत में इससे दोयम दर्जें का व्यवहार किया जाता रहा है। इसका स्तर कम आंके जाने के कारण न तो चिकित्सक इसका गहन अध्ययन करते हैं, न ही मरीज इसकी असीम क्षमता को पहचान पाते हैं। खास यह कि होम्योपैथिक दवाएं रोगी की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और इसके साइड इफैक्ट भी नहीं हैं। । केन्द्र संालक डा. सीमा कौशिक ने बताया कि कैंप में न सिर्फ होम्योपैथिक, बलिक दंत व सहित विभिन्न विशेष चिकित्सक मौजूद रहे।
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