लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि किसी शिक्षण संस्थान को विश्वस्तरीय बनाने में वहां के प्रोफेसरों, शिक्षकों तथा फैकल्टी का हाथ होता है। उन्होंने कहा कि भवन, संस्थान में उपलब्ध अन्य सुविधाएं, पुस्तकालय इत्यादि भी महत्वपूर्ण हैं। राज्य सरकार डाॅ0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को और ऊँचे स्तर तक ले जाने के लिए हर सम्भव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि नेता जी ने इस विश्वविद्यालय की कल्पना की थी और इसे एक वर्ष के अन्दर वास्तविकता में बदल दिया था। आज यह देश के उत्कृष्ट विधि विश्वविद्यालयों में से एक है। इस विश्वविद्यालय ने कानून की पढ़ाई के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को एक नयी पहचान दी है।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां डाॅ0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह के अवसर पर व्यक्त किए। दीक्षांत समारोह के दौरान मेडल वितरण में लड़कियों द्वारा बाज़ी मारने पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी और कहा कि राज्य सरकार लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि निःशुल्क लैपटाॅप वितरण के दौरान भी बड़ी संख्या में छात्राओं को लैपटाॅप दिए गए हैं।
श्री यादव ने सभी पदक पाने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए आह्वान किया कि वे मेहनत से अपने चुने हुए क्षेत्र में काम करें और गरीबों को न्याय दिलवाने में मदद करें। राज्य सरकार गरीबों को न्याय दिलवाने के लिए कटिबद्ध है। उत्तर प्रदेश तभी खुशहाल हो सकता है, जब गरीबों को न्याय सुलभ होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विद्यार्थियों ने जो ज्ञान यहां अर्जित किया है, उसका सदुपयोग समाज की भलाई के साथ-साथ अपने बेहतर भविष्य के लिए करेंगे।
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उनके पूर्व वक्ताओं, जिनमें सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शामिल थे, द्वारा सुनाए गए अनुभवों तथा महत्वपूर्ण बिन्दुओं से सभी विद्यार्थियों को सीख लेनी चाहिए और इन्हें अपने जीवन में आजमाना चाहिए, ताकि वे भी बड़े कार्य कर सकें। उन्होेंने कहा कि जीवन में ऊँचे मकाम हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
श्री यादव ने कहा कि आज की पीढ़ी ‘टेक सैवी’ है और आज इण्टरनेट का ज़माना है, इसलिए विश्वविद्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को और बढ़ावा दिया जाएगा। यहां की लाइब्रेरी को विश्वस्तरीय बनाने के लिए हर प्रकार की सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि समाजवादी शिक्षा के प्रसार के लिए लगातार काम करते हैं। यही नहीं, समाजवादी लोग हमेशा समाज को जोड़ने का भी कार्य करते हैं। राज्य सरकार भी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से गरीबों को लाभान्वित कर रही है और उनके दुःख बांट रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है इसलिए यहां की चुनौतियां भी बड़ी हैं। उन्होंने कहा कि यहां का बाजार भी बहुत बड़ा है, जहां पर बहुत कार्य किया जा सकता है। ऐसे में, यहां के विद्यार्थियों को कार्य करने के बहुत सारे अवसर मिलेंगे।
विश्वविद्यालय में कुछ सुविधाएं उपलब्ध कराने के वाइस चाॅन्सलर श्री गुरदीप सिंह के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। विश्वविद्यालय स्थित आॅडिटोरियम को पुनः लाॅ यूनिवर्सिटी को हस्तगत कराने पर उन्होंने हामी भरते हुए कहा कि इसके रख-रखाव का भी इन्तेज़ाम किया जाएगा, ताकि यह अच्छी स्थिति में बना रहे। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में लखनऊ स्थित अम्बेडकर विश्वविद्यालय द्वारा रमाबाई अम्बेडकर मैदान उपलब्ध कराने के अनुरोध पर तुरन्त निर्णय लिया गया है।
कार्यक्रम को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मा0 मुख्य न्यायाधीश डाॅ0 डी0वाई0 चन्द्रचूड़, सर्वाेच्च न्यायालय के मा0 न्यायमूर्ति ए0के0 सीकरी, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मा0 टी0एस0 ठाकुर तथा विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 गुरदीप सिंह ने भी सम्बोधित किया।
इससे पूर्व समारोह स्थल पर पहुंचने के उपरान्त मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विधि विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट 2014-15 का अनावरण भी किया। विधि विश्वविद्यालय की तरफ से मुख्यमंत्री को एक स्मृति चिन्ह और शाॅल भी भेंट किया गया। साथ ही, सभी मा0 न्यायमूर्तियों को भी स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। समारोह के दौरान श्री यादव ने विद्यार्थियों को उपाधियां तथा पदक भी प्रदान किए।