लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ समाज के वंचित वर्ग तक पहँुचानेे के उद्देश्य से मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेण्ट प्रोग्राम के तहत उल्लेखनीय प्रयास किए गए हैं। प्रदेश के अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में शैक्षणिक सुविधाओं के विकास के रूप में इण्टर कालेजों का निर्माण, स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के रूप में सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व उपकेन्द्रों का निर्माण, कौशल विकास की सुविधाओं के सृजन के रूप में आई0टी0आई की स्थापना के साथ-साथ नागरिकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पेयजल परियोजनाओं की स्थापना की जा रही है।
यह जानकारी देते हुए आज यहां राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में 16 जनपदों (बहराइच, बागपत, बस्ती, बुलन्दशहर, बलरामपुर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, हापुड़, पीलीभीत, रामपुर, श्रावस्ती, शाहजहाँपुर, सम्भल, आजमगढ़, अलीगढ़ तथा गाजियाबाद) में 31121.69 लाख रुपए लागत की 107 पेयजल परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं। इसी प्रकार, 05 जनपदांे (बाराबंकी, बस्ती, कानपुर नगर, मुजफ्फरनगर तथा शाहजहाँपुर) में 628.68 लाख रुपए लागत के 78 आँगनबाड़ी केन्द्रों तथा जनपद संतकबीरनगर में 766.92 लाख रुपए लागत के 01 आई0टी0आई0 के निर्माण की तैयारी की जा रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि सामाजिक समरसता, भाईचारा और सौहार्द बनाए रखने तथा खेल-कूद और सामुदायिक गतिविधियों को बढ़ाए जाने के उद्देश्य से प्रदेश में 1800 लाख रुपए की लागत से 15 जनपदों (बुलन्दशहर, कासगंज, कानपुर नगर, कन्नौज, महोबा, सिद्धार्थनगर, हापुड़, पीलीभीत, प्रतापगढ़, शामली, सम्भल, उन्नाव, जालौन, अमेठी तथा लखीमपुर खीरी) में सद्भावना मण्डपों की स्थापना हेतु भी शासन द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग का ध्यान रखते हुए राज्य सरकार ने विकास कार्यक्रमों को एक नयी गति प्रदान की है। प्रदेश में वर्तमान सरकार के गठन के बाद भौतिक अवस्थापना सुविधाओं के सृजन एवं क्रियान्वयन में तेजी आयी है। इसके साथ-साथ नयी परियोजनाएं स्थापित किए जाने के लिए भी सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है।