ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच पिछले काफी वक्त से लगातार सैलरी को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। आस्ट्रेलिया और देश के खिलाड़ियों के बीच चल रहे वेतन विवाद के समय सीमा समाप्त होने से पहले सुलझने की संभावना बेहद कम है जिससे खिलाड़ी बेरोजगार हो जाएंगे और इस साल एशेज सीरीज सहित अन्य श्रृंखलाओं पर खतरा मंडराने लगेगा।
सीए और आस्ट्रेलिया खिलाड़ी संघ (एसीए) के बीच एमओयू शुक्रवार मध्यरात्रि ऑस्ट्रेलिया के समय अनुसार दोपहर दो बजे: खत्म हो रहा है और अंतिम समय में करार की संभावना भी क्षीण हो चुकी है। राजस्व बंटवारे को लेकर संबंधित पक्ष सहमति बनाने में विफल रहे हैं और लगभग 230 खिलाड़ियों के अनुबंध समाप्त हो जाएंगे और नए एमओयू पर सहमति नहीं बनने तक उन्हें रिटेनर का भुगतान नहीं किया जाएगा।
तीस जून के बाद तक कई साल के अनुबंध करने वाले खिलाड़ियों को हालांकि भुगतान होता रहेगा और उन्हें पहले की तरह खेलना और ट्रेनिंग करनी होगी।
अगर आपसी सहमति नहीं बनी तो सबसे पहले गाज जुलाई में होने वाले आस्ट्रेलिया ए के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर गिरेगी जबकि सीनियर टीम को अगस्त सितंबर में बांग्लादेश का टेस्ट दौरा करना है और सितंबर में भारत में होने वाली लुभावनी एकदिवसीय श्रृंखला और इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू एशेज श्रृंखला पर भी खतरा होगा।
महिला टीम भी फिलहाल ब्रिटेन में विश्व कप में हिस्सा ले रही है। टीम का विशेष अनुबंध है जो टूर्नामेंट खत्म होने तक रहेगा।
क्या है पूरा मामला?
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का करार एक जुलाई से रिवाइज होना है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने हमेशा की तरह ही खिलाड़़ियों के लिए करार में सैलरी का प्रावधान रखा है। लेकिन खिलाड़ियों की मांग है कि उन्हें करार के साथ ही बोर्ड की आय में हिस्सेदारी भी मिले। खिलाड़ी इस करार को मानने को तैयार नहीं हैं। एक जुलाई से पुराना करार अप्रभावी होगा और नया लागू होगा। अगर खिलाड़ी और बोर्ड के बीच तब तक आमराय नहीं होती है, तो खिलाड़ी एक जुलाई से बेरोजगार होंगे। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के सीनियर खिलाड़ी डेविड वार्नर ने बोर्ड को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर बोर्ड वेतन विवाद सुलझाने में कामयाब नहीं हुआ तो एक बड़ी टीम क्रिकेट के मैदान में नहीं दिखेगी।
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