Online Latest News Hindi News , Bollywood News

1 सितंबर को नदी अभियान में लाखों लोग शामिल होंगे

1 सितंबर को नदी अभियान में लाखों लोग शामिल होंगे
देश-विदेश

“यह कोई धरना या विरोध-प्रदर्शन नहीं है, यह जन-अभियान इस जागरूकता को फैलाने के लिए है कि हमारी नदियां सूख रही हैं। हर वोव्यक्ति जो पानी पीता है, उसे नदी अभियान में हिस्सा लेना होगा”- सद्गुरु, संस्थापक, ईशा फाउंडेशन 

कोयंबटूर: 1 सितंबर को, समाज का हर वर्ग – शहरी, ग्रामीण, किसान, युवा, कॉर्पोरेट, गैर-सरकारी संगठन और राजनीतिक नेता -भारत की सूखती नदियों को नया जीवन देने की जिम्मेदारी निभाएगा। लाखों लोग, नदी अभियान टी-शर्ट, प्लेकार्ड, हेडगीयर और स्टिकर के साथ पूरे भारत की सड़कों पर शुक्रवार, 1 सितंबर को तीन घंटे (8 से 11 बजे) तक खड़े होंगे, और लोगों को 80009-80009 पर एक मिस्ड कॉल दे कर नदी अभियान से जुड़ने के लिए आग्रह करेंगे। हर मिस्ड कॉल हमारी नदियों में जान फूंकने के समर्थन में एक वोट होगा।

इस अभियान में भाग लेने के लिए, कोई भी अपने शहर/कस्बे/गांव में, 1 सितंबर के दिन 8 बजे से 11 बजे के बीच नदी अभियान का प्लेकार्ड लेकर एक घंटे या उससे अधिक समय तक खड़ा हो सकता है । भाग लेने के लिए, Ashish Moga – 9453455747 से संपर्क करें

 जागरूकता बढ़ाने के लिए, सद्‌गुरुखुद गाड़ी चलाकर 16 राज्यों से गुजरते हुए कन्याकुमारी से हिमालय तक जाएंगे, और 2 अक्टूबर को एक भव्य समापन के लिए दिल्ली पहुंचेंगे। 3 सितंबर, 2017 को माननीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रीद्वारा रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। यात्रा के अलग-अलग पड़ावों पर23 प्रमुख कार्यक्रम और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाएंगे, ताकि समाज के हर वर्ग तक पहुंचा जा सके। इन कार्यक्रमों में अलग-अलग व्यवसायों से जुड़े लोगों के साथ देश की विभिन्न स्तरों की हस्तियों द्वारा भी भाग लिया जाएगा। आपके शहर(Lucknow) में इस अभियान में भाग लेने के लिए संपर्क करें(Ashish Moga – 9453455747) 

पर्यावरण विज्ञानियों और कानूनविदों की एक विशेषज्ञ समिति एक नीति दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया में है। नीति के मसौदे में हमारी नदियों को पुनर्जीवित करने का एक बहुत आसान लेकिन प्रभावशाली उपाय सुझाया गया है – नदियों के दोनों ओर एक किलोमीटर की चौड़ाई में (और उपनदियों में आधे किलोमीटर तक) पेड़ लगाना। सरकारी जमीन पर जंगल के वृक्ष लगाए जा सकते हैं, और कृषि भूमि पर फलों के पेड़ लगाए जा सकते हैं। इससे यह पक्का होगा कि नम मिट्टी से नदियों को साल भर पानी मिलेगा और बाढ़, सूखा तथा मिट्टी के कटाव में भी कमी आएगी।

नदियों के लिए रैली के महत्व को समझाते हुए सद्गुरु ने कहा, “सिर्फ एक पीढ़ी में, हमारी बारहमासीनदियाँ मौसमी बन रही हैं। कई छोटी नदियां पहले ही गायब हो चुकी हैं। अगर इस स्थिति को पलटने के लिए हमने अभी कदम नहीं उठाया, तो हम अगली पीढ़ी को संघर्ष और अभाव की विरासत ही सौप पाएंगे। “

नदी अभियान के एक हिस्से के रूप में, भारत भर में 100,000 स्कूल रचनात्मक लेखन और कला प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं। इन प्रतियोगिताओं के विषय भारत की नदियों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता और संभावित समाधानहैं। इन सभी स्कूलों की असेंबली में नदी स्तुति या नदी मंत्र चलाया जा रहा है। इस मन्त्र के बाद सद्गुरु और वीरेंद्र सहवाग की अपील चलाई जा रही है। rallyforrivers.org पर एक ऑनलाइन लघु फिल्म प्रतियोगिता आयोजित की जा रही हैजिसमें सभी फिल्म निर्माताओं को एक लघु फिल्म बनाकर भारत की सूखती नदियों की कहानी का वर्णन करना है। शेखर कपूर, राकेश ओमप्रकाश मेहरा और प्रहलाद कक्कर इस वीडियो प्रतियोगिता के पैनल के मुख्य सदस्य होंगे। साइन अप करने के लिए, rallyforrivers.org पर लॉग ऑन करें।

Related posts

2 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More