लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में 10 लाख रुपये तक के टेण्डर्स के लिए ई-टेण्डरिंग की आवश्यकता को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश सरकार के सभी शासकीय विभागों इत्यादि में समस्त निर्माण कार्याें, सेवाओं/जाॅब वर्क एवं सामग्री के क्रय, चालू अनुबन्ध तथा दर अनुबन्ध हेतु ई-टेण्डरिंग प्रणाली मई, 2017 में लागू की गयी थी तथा 01 सितम्बर, 2017 के उपरान्त इसे बाध्यकारी किया गया था। ई-टेण्डरिंग प्रणाली में नियमों और प्रक्रियाओं में कोई परिवर्तन नहीं है और प्रचलित नियमों एवं प्रक्रियाओं के उपरान्त केवल इलेक्ट्राॅनिक मीडिया उपयोग करते हुए टेण्डरिंग की कार्यवाही की जाती है।
वित्त विभाग के शासनादेश के अनुरूप रु0 1,00,000/- से अधिक मूल्य के सामान/सेवाएं टेण्डर आमंत्रित करके क्रय किये जाते हैं और उक्त वित्तीय सीमा से अधिक की सभी निविदाएं ई-टेण्डरिंग प्रणाली द्वारा आमंत्रित की जाती हैं।
प्रदेश में ई-टेण्डरिंग प्रणाली लागू किये जाने के पश्चात कुछ विभागों/सार्वजनिक उपक्रमों इत्यादि द्वारा तत्सम्बन्धी कतिपय असुविधाएं इंगित की गई है। इसलिए ई-टेण्डरिंग प्रणाली से आमंत्रित की जाने वाली निविदाओं के लिए उपरोक्त वित्तीय सीमा रु0 1,00,000/- को बढ़ाकर रु0 10,00,000/- किया गया है।