नई दिल्लीः भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओम प्रकाश रावत ने 10 आसियान देशों के 250 छात्रों से संवाद किया। विदेश मंत्रालय के तत्वावधान में भारत – आसियान छात्र आदान- प्रदान कार्यक्रम के तहत ब्रुनेई, दारुसलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के छात्र भारत की यात्रा पर हैं।
श्री रावत ने युवाओं को लोकतंत्र के भविष्य के लिए आशा का प्रकाश स्तम्भ बताया। उन्होंने कहा कि भारत, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में युवाओं की भागीदारी को बहुत महत्व देता है। अपने संबोधन में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने चुनावी विश्वसनीयता के समक्ष उभर रही चुनौतियों पर बल दिया, जैसे फेक न्यूज, पेड न्यूज, मतदान के पैटर्न को बदलने के लिए आंकड़ों का गलत इस्तेमाल, सोशल मीडिया की कमियां आदि। श्री रावत ने कहा कि लोकतंत्र को संरक्षित करने के लिए युवाओं को इन चुनौतियों से निबटने के लिए नई रणनीतियां सुझानी चाहिए।
श्री ओ. पी. रावत ने कहा कि पूरी दुनिया की 70 प्रतिशत आबादी लोकतांत्रिक राष्ट्रों में रह रही है, जबकि 200 वर्ष पहले सिर्फ एक फीसदी आबादी को लोकतंत्र नसीब था। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रशासन के सभी साझेदारों को लोकतांत्रिक गतिविधियों में युवाओं की भागीदारी को और बढ़ाने के लिए मार्ग प्रशस्त करना चाहिए।
श्री ओ.पी. रावत ने बताया कि स्कूलों और कॉलेजों में चुनाव साक्षरता क्लबों का गठन किया गया है ताकि युवाओं को चुनावी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने द इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (आईआईआईडीईएम) की स्थापना की है ताकि चुनाव प्रक्रिया में शामिल रहने वाले दुनिया भर के लोगों को प्रशिक्षण दिया जा सके और उनके सराहनीय प्रयासों को समझा जा सके।
वरिष्ठ उप-चुनाव आयुक्त श्री उमेश सिन्हा ने भी उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए चुनाव प्रक्रिया की विविधताओं और जटिलताओं के बारे में जानकारी दी।