नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध कराने के लिए संविधान संशोधन विधेयक गरीबों के उत्थान के लिए एक ऐतिहासिक कदम है जो सबका साथ – सबका विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। महाराष्ट्र के सोलापुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा द्वारा इस विधेयक का मार्ग उन लोगों को मजबूत जवाब है जो इस संबंध में झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने यह उम्मीद जाहिर की कि यह विधेयक राज्यसभा में पास हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने कल लोकसभा में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध कराने के लिए एक ऐतिहासिक विधेयक पास किया है। यह सबका साथ – सबका विकास के हमारे संकल्प को मजबूत बनाता है।
नागरिकता संशोधन विधेयक के बारे में प्रधानमंत्री ने असम और पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वासन दिया कि उनके अधिकारों और अवसरों की रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले भारत मां के बेटों और बेटियों को भारतीय नागरिकता देने का मार्ग साफ किया है। इतिहास के उत्थान और पतन को देखने के बाद हमारे ये भाई और बहन भारत का एक अंग बनना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टचार और बिचौलियों के खिलाफ सरकार का अभियान उनके खिलाफ दोषारोपण के बावजूद लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वह इस देश की जनता के आशीवार्द और समर्थन से भ्रष्टाचार और बिचौलियों के खिलाफ लड़ने में साहसपूर्वक अपना कर्तव्य निभा रहे है।
प्रधानमंत्री अनेक विकास परियोजनाओं की शुरूआत और आधारशिला रखने के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 30,000 मकानों के निर्माण की भी आधारशिला रखी। इससे रद्दी बीनने वाले, रिक्शा चालक, बीड़ी कामगार जैसे गरीब और बेघर लोग लाभान्वित होंगे। इस परियोजना की लागत 1811.33 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि आज हमने गरीब, मजदूरों के परिवारों के लिए 30,000 घरों की परियोजना का उद्घाटन किया है। इस परियोजना से फैक्ट्ररियों में काम करने वाले, रिक्शा चलाने वाले और ऑटो चालक आदि लाभान्वित होंगे। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि बहुत जल्दी आपके हाथ में आपके घरों की चाबियां होंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए सस्ते मकान बनाने के भी प्रयास किए गए हैं। अब वे 20 वर्ष की अवधि के आवास ऋणों पर 6 लाख तक की बचत कर सकते है। यह आराम से रहने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनकी प्रतिबद्धता है कि वे उन परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिनका उन्होंने पहले शिलान्यास किया है। प्रधानमंत्री ने नये राष्ट्रीय राजमार्ग-52 की 98.717 किलोमीटर लम्बी सड़क राष्ट्र को समर्पित की। इस सड़क से सोलापुर की मराठवाडा क्षेत्र के साथ कनेक्टिविटी बेहतर होगी। सोलापुर-तुलजापुर-उस्मानाबाद, राष्ट्रीय राजमार्ग-52 चार लेने वाली सड़क है। इसकी अनुमानित लागत 972.50 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री ने 2014 में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। राष्ट्रीय राजमार्ग-52 में दो बड़े और 17 छोटे पुल हैं। इसमें सुरक्षा विशेषताओं को शामिल किया गया है। इसमें 4 वाहन और 10 पैदल अंडरपास निर्मित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त तुलजापुर में 3.4 किलोमीटर का बाईपास बनाया गया है, जो शहर की यातायात व्यवस्था को आसान बनाएगा।
बेहतर कनेक्टिविटी तथा जीवन को आसान बनाने के लिए राजमार्गों के विस्तार के प्रति सरकार के विजन को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान लगभग 40,000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण हुआ है। इसकी लागत लगभग 5.5 लाख करोड़ रुपए है। लगभग 52,000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की प्रक्रिया में हैं।
क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने सोलापुर-उस्मानाबाद वाया तुलजापुर रेल लाइन को मंजूरी दी है। इसकी अनुमानित लागत 1000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के अंतर्गत सोलापुर से क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी हेतु हवाई यात्राएं शुरू की जाएंगीं।
स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत विजन के तहत प्रधानमंत्री ने सोलापुर में भूमिगत सीवर प्रणाली तथा तीन सीवर शोधन संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किए। इससे शहर की सीवर कवरेज बढ़ेगी और स्वच्छता बेहतर होगी।
प्रधानमंत्री ने जल आपूर्ति तथा सीवर प्रणाली से जुड़ी एक संयुक्त परियोजना का शिलान्यास किया। यह परियोजना सोलापुर स्मार्ट सिटी के क्षेत्र आधारित विकास का हिस्सा है। उजानी बांध से सोलापुर शहर की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को बेहतर बनाना तथा अमृत मिशन के तहत भूमिगत सीवर प्रणाली का निर्माण इस परियोजना के प्रमुख घटक हैं।
आशा है कि इन परियोजनाओं से सड़क व परिवहन कनेक्टिविटी, जल आपूर्ति, स्वच्छता बेहतर होगी तथा सोलापुर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।