लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने सरकारी नौकरियों में विधवा और तलाकशुदा महिलाओं के लिए अधिकतम आयु की सीमा को समाप्त किए जाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि ऐसी विधवा व तलाकशुदा महिलाएं, जो पारिवारिक या अन्य किन्हीं कारणोंवश नौकरी में भर्ती की उम्र सीमा को पार कर चुकी हैं और नौकरी में आना चाहती हैं, उनकी जरूरतों और दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
मुख्यमंत्री आज यहां एक स्थानीय होटल में द न्यू इण्डियन एक्सप्रेस ग्रुप द्वारा आयोजित ‘देवी विमेन पुरस्कार वितरण समारोह’ में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाली 10 महिलाओं को सम्मानित करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महिलाएं हमारी आबादी का आधा हिस्सा हैं और इनकी तरक्की के बगैर किसी भी देश व समाज की खुशहाली सम्भव नहीं है। जब तक महिलाओं को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं के साथ-साथ आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल नहीं होती, तब तक कोई भी प्रदेश, समाज व देश प्रगति नहीं कर सकता।
श्री यादव ने पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किए जाने की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से महिलाओं को प्रेरणा मिलती है। महिलाओं की तरक्की समाज के साथ-साथ सरकार की भी जिम्मेदारी है। समाजवादी सरकार ने महिलाओं के उत्थान और कल्याण के लिए अनेक उल्लेखनीय कार्य किए हैं। जहां कहीं भी किसी क्षेत्र में महिलाओं व बालिकाओं ने सराहनीय कार्य किया है, बड़े पैमाने पर उनको सम्मानित करने का काम राज्य सरकार द्वारा किया गया है। महिलाओं की उत्पीड़न सम्बन्धी समस्याओं के निवारण के लिए ‘1090’ विमेन पावर लाइन सफलतापूर्वक संचालित हो रही है। इसकी कामयाबी की चर्चा सबकी जुबान पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं का सम्मान और गरिमा को कायम रखते हुए उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं। ‘यूपी-100’ पुलिस सेवा में बड़े पैमाने पर महिलाओं की भर्ती की जा रही है। कन्या विद्या धन योजना के अन्तर्गत छात्राओं को शिक्षा की सुविधा मिल रही है। समाजवादी पेंशन योजना में परिवार की महिला मुखिया को पेंशन दी जा रही है। बहादुरी एवं अन्य सराहनीय कार्य करने वाली बालिकाओं एवं महिलाओं को रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। महिलाओं की सहायता एवं कौशल सुधार आदि के लिए रानी लक्ष्मीबाई आशा ज्योति केन्द्रों की स्थापना की गई है। इसके अलावा, 181 महिला आशा ज्योति लाइन की शुरुआत भी की गई है।
श्री यादव ने कहा कि महिलाओं को सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ाने, उन्हें विशेष प्रोत्साहन देने एवं उनके लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाने का लगातार प्रयास किया गया है। महिला सशक्तिकरण और उनके आर्थिक स्वावलम्बन के लिए रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष के तहत विभिन्न अपराधों से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को आर्थिक सहायता एवं चिकित्सा सुविधा देने का कार्य किया जा रहा है। इस सन्दर्भ में मुख्यमंत्री ने खासतौर से एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं का जिक्र किया। निःशुल्क लैपटाॅप वितरण योजना के तहत छात्राओं को बड़ी संख्या में लाभान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि कुपोषण की दरों में कमी लाने के लिए उत्तर प्रदेश में पोषण मिशन की स्थापना की गई है। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह पुरस्कार वितरण प्रदेश के लिए एक अच्छी पहल है। इससे विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत संघर्षशील महिलाओं को सम्मान मिला है। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान, कल्याण व उत्थान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं की चर्चा की। मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार श्री आलोक रंजन ने भी समारोह को सम्बोधित किया।
द न्यू इण्डियन एक्सप्रेस ग्रुप के सम्पादकीय निदेशक श्री प्रभु चावला ने देवी अवाॅड्र्स के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि ये अवार्ड उन महिलाओं को दिया जाता है, जिन्होंने अपने बलबूते पर कामयाबी और उपलब्धियां हासिल की हैं।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर आई0पी0एस0 अधिकारी सुश्री अपर्णा कुमार एवं सुश्री सुतापा सान्याल, सामाजिक कार्यकर्ता डाॅ0 इन्दु सुभाष, सुप्रसिद्ध कथक नृत्यांगना सुश्री कुमकुम आदर्श, लोक गायिका सुश्री माधुरी शर्मा, लेखिका व गायिका सुश्री मालविका हरिओम, सम्पादक सुश्री मीरा जाटव, आई0ए0एस0 अधिकारी सुश्री मिनिस्ती एस0 नायर, समाज सुधारक सुश्री सरोजनी अग्रवाल तथा चिकित्सक डाॅ0 तूलिका चन्द्रा को ‘देवी विमेन पुरस्कार’ से सम्मानित किया।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, सिटी माॅण्टेसरी स्कूल के संस्थापक डाॅ0 जगदीश गांधी, गलगोटिया विश्वविद्यालय के चेयरमैन श्री सुनील गलगोटिया सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।