लखनऊ: प्रदेश के 100 राजकीय इण्टर काॅलेज (बालक-बालिका) में वर्ष 2015-16 में ‘क्लीन स्कूल-ग्रीन स्कूल’ योजना संचालित किए जाने का निर्णय लिया गया है।
इसके तहत राजकीय इण्टर काॅलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को पर्यावरण के प्रति जागरुक कर स्वच्छता के लिए प्रेरित करने हेतु विद्यालयों का सुदृढ़ीकरण एवं उनका रख-रखाव, खेल के मैदान का विकास किया जाएगा। इसके अलावा, फर्नीचर के साथ तकनीकी माध्यम से अध्ययन उपलब्ध कराने हेतु स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था भी की जाएगी।
योजना के सफल संचालन एवं विद्यालय चयनित किए जाने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय स्तर पर शिक्षा निदेशक माध्यमिक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन होगा। यह योजना सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में लागू होगी तथा जनपद स्तर पर योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 में 50 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है, जिसका प्राविधान किया जाएगा। योजना के अन्तर्गत प्रत्येक चयनित विद्यालय में 10 लाख रुपये फर्नीचर पर, 20 लाख रुपये अनुरक्षण मद में तथा अन्य व्यय मद में 20 लाख रुपये कुल मिलाकर 50 लाख रुपये की सीमा तक व्यय किए जाएंगे।
छात्र-छात्राओं को स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराने के लिए चयनित विद्यालयों में सबमर्सिबल पम्प, ओवरहेड टैंक, आर0ओ0 वाॅटर प्यूरीफायर तथा वाॅटर चिलर की व्यवस्था की जाएगी। आधुनिक रूप से पठन-पाठन एवं शिक्षा प्रदान करने के लिए ‘स्मार्ट क्लास’ स्थापित किए जाएंगे। विज्ञान प्रयोगशाला को सुदृढ़ किया जाएगा, तथा पर्याप्त लैब उपकरण आदि की व्यवस्था भी कराई जाएगी। चयनित विद्यालय में बिजली की खपत कम करने के लिए सोलर पावर सिस्टम (5 के0वी0ए0) स्थापना की जाएगी तथा एल0ई0डी0 बल्ब एवं आधुनिक पंखे (लो कन्ज़म्पशन इनर्जी फैन) की व्यवस्था की जाएगी। आवश्यकतानुसार पुस्ताकालय हेतु पुस्तकें तथा खेल के मैदान की उपलब्धता होने पर खेल-कूद उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे। पर्यावरण संतुलन तथा सौन्दर्यीकरण के उद्देश्य से विद्यालय में फलदार/छायादार वृक्ष एवं आकर्षक फूल वाले पेड़-पौधे भी लगाए जाएंगे।