लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा है कि कोरोना महामारी के समय ग्राम रोजगार सेवकों द्वारा विपरीत परिस्थितियों में भी सराहनीय तरीके से कार्य किया गया है। ग्राम रोजगार सेवक प्रदेश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण सहभागिता निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत संविदा पर कार्यरत ग्राम रोजगार सेवकों का पारिश्रमिक 6000 रूपये से बढ़ाकर 10,000 रूपये प्रतिमाह करने की पूरी कोशिश की जायेगी। उन्होंने कहा कि ग्राम रोजगार सेवकों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में विचार किये जाने के साथ ही उनकी अन्य समस्याओं का भी शीघ्र निराकरण करने का पूरा प्रयास किया जायेगा।
ग्राम्य विकास मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह‘ आज यहां उत्तर प्रदेश ग्राम रोजगार सेवक संघ के बेगरिया, दुबग्गा, लखनऊ में आयोजित प्रादेशिक महासम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्राम रोजगार सेवकों की मेहनत से मानव दिवस सृजन के मामले में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि मनरेगा कर्मियों के भविष्य को उज्ज्वल करने के लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा एच0आर0पाॅलिसी बनाने पर भी विचार किया जायेगा। और पूर्व से निर्गत शासनादेशों को कड़ाई से लागू कराया जाएगा।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उ0प्र0 के अध्यक्ष श्री एस0पी0तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में संगठन के प्रदेश प्रभारी कमलेश कुमार गुप्ता ने ग्राम विकास मंत्री को संगठन की मांगों के सम्बन्ध में मांग-पत्र दिया। कार्यक्रम के संयोजक और संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश कुमार सिंह ने सभी अतिथियों को आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर सांसद कौशल किशोर, विधायक जय देवी कौशल, एम0एल0सी0 अवनीश कुमार सिंह, अपर आयुक्त, मनरेगा, श्री योगेश कुमार, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तर प्रदेश के महामंत्री आर0के0निगम, अखिल भारतीय मनरेगा कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु प्रताप सिंह, संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र प्रताप शाही, महामंत्री ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष रामू निषाद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संतोष शुक्ला, उपाध्यक्ष, डा0 इम्तियाज खान, अर्चना सिंह, संगठन मंत्री मो0 इस्माईल, अनिल द्विवेदी, शिव मनोरथ शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता अरूण कुमार मिश्रा, लखनऊ जिलाध्यक्ष शेखर रावत, हृदेश कुमार, आनंद पाल सिंह सहित सभी जनपदों के जिलाध्यक्ष पदाधिकारी मौजूद रहे।