प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मन की बात की 100वीं कड़ी को संबोधित किया। इस कार्यक्रम का पहला प्रसारण 3 अक्टूबर 2014 को विजयादशमी के शुभ अवसर पर किया गया था। आकाशवाणी पर इस लोकप्रिय कार्यक्रम की 100वीं कड़ी के ऐतिहासिक प्रसारण के अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री रमेश बैस की उपस्थिति में मुंबई के राजभवन में एक विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा, “आज हम एक उपलब्धि का समारोह मना रहे हैं। आकाशवाणी के सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम के रूप में प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम ने आज अपना 100वां संस्करण पूरा कर लिया है। तब से लेकर अब तक की यह एक लंबी यात्रा रही है। पिछले कुछ वर्षों में, मन की बात कार्यक्रम देश के कोने-कोने में फैल गया है।” उन्होंने कहा, ‘मन की बात’ की 100वीं कड़ी एक प्रकार से इंडिया@2047 की भव्य शुरुआत है।
इस कार्यक्रम, जिसके माध्यम से प्रधानमंत्री देशवासियों के साथ सीधे जुड़ते हैं और उनसे बातचीत करते हैं, के महत्व की चर्चा करते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, जल संरक्षण, वोकल फॉर लोकल जैसे सामाजिक बदलावों का उद्भव, साधन और विस्तार रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने खादी, भारतीय खिलौना उद्योग, स्वास्थ्य क्षेत्र में स्टार्टअप, आयुष और अंतरिक्ष जैसे उद्योगों पर असीम प्रभाव प्रदर्शित किया है। श्री बैस ने कहा कि अपनी नवोन्मेषी और प्रस्तुति की अनूठी संवाद शैली के साथ ‘मन की बात’ ने संचार के एक अनोखे माध्यम के रूप में अपने लिए एक उत्कृष्ट स्थान का निर्माण किया है। उन्होंने यह भी कहा कि, जब कोविड-19 महामारी अपने चरम पर थी, तब प्रधानमंत्री समाज के सभी वर्गों से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि अपने ‘परीक्षा पे चर्चा’ और परीक्षा योद्धाओं के माध्यम से, वह निरंतर छात्रों और युवाओं से जुड़े रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से अब तक 47.8 करोड़ जनधन खाते खोले जा चुके हैं।
महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री रमेश बैस ने कहा कि मन की बात करते हुए उन्होंने देश के सुदूर कोनों में भी हो रहे प्रत्येक सामाजिक बदलाव पर ध्यान दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि, ‘मन की बात’ की पहली ही कड़ी में प्रधानमंत्री ने रेडियो को संचार का एक सरल माध्यम बताया, जिसके जरिए सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक पहुंचा जा सकता है। “उन्होंने निर्धनों में निर्धनतम परिवार तक संदेश पहुंचाने का अपना प्रयोजन भी स्पष्ट कर दिया था।’’ उनका मानना था कि देश की शक्ति गरीब आदमी की झोपड़ी में है। इस प्रकार ‘मन की बात’ का उद्देश्य हर भारतीय के हृदय और मस्तिष्क में स्थान बनाना रहा है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री रमेश बैस ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और शासन में जन भागीदारी देश को वास्तव में जन केन्द्रित बनाती है। पिछले नौ वर्षों से ‘मन की बात’ प्रसारण के माध्यम से लोग शासन में भाग ले रहे हैं और यह प्रसारण देश के प्रधानमंत्री को अपने विचार, सुझाव और उपलब्धियों से अवगत कराने का माध्यम बन गया है।
श्री बैस ने कहा कि चीन को पछाड़कर भारत विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बनकर उभरा है। इस जनसांख्यिकीय परिवर्तन को जनसांख्यिकीय लाभांश में बदलने के लिए, माननीय प्रधानमंत्री ने स्किलिंग, रीस्किलिंग और अपस्किलिंग पर बल दिया है। विश्व के कई देश जिनमें, वृद्धों की संख्या अधिक हो रही है वे कुशल जनशक्ति की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह भारत का गौरवशाली क्षण है।
प्रधानमंत्री ने एक तथ्य, मन की बात कार्यक्रम में बार-बार दोहराया है। ‘मन की बात’ की इस कड़ी का उद्देश्य सकारात्मक कहानियों को सामने लाना और नागरिकों को उन्हीं की सफल कहानियां सुनाकर प्रेरित करना है। इस कार्यक्रम में जिन-जिन लोगों का कहीं भी उल्लेख किया गया है, उन्होंने वास्तव में इस जन आंदोलन को सफल बनाने और अन्य लोगों को प्रेरित करने में मदद की है। श्री बैस ने महाराष्ट्र के लोगों से आग्रह किया कि वे इस महत्वपूर्ण जन आंदोलन का हिस्सा बनें।
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने यह भी उल्लेख किया कि ‘मन की बात’ में विभिन्न ऐसे विषयों पर विचार किया गया है, जो देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह श्रोताओं को सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों से अवगत कराता है। प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ की कड़ी में भारत के कई और विशिष्ट लोगों का उल्लेख किया, जिन्होंने अनूठे कार्य किए हैं। श्री बैस ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इस सूची में बड़ी संख्या में महाराष्ट्र के लोग भी शामिल हैं। पालघर, चंद्रपुर और नासिक के आदिवासी क्षेत्रों से लेकर अमरीका जैसे दूर-दराज के देशों में मन की बात प्रसारण से लोगों को प्रसिद्धि मिली है। उन्होंने कहा कि विभिन्न व्यवसायों और क्षेत्रों के लोगों ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भाग लिया है।
मन की बात की विशेष स्क्रीनिंग के अवसर पर राज्यपाल ने राजभवन में दरबार हॉल और केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा लॉन में आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव और मन की बात प्रसारण पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। महाराष्ट्र के राज्यपाल ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और इस अवसर पर प्रकाशन विभाग द्वारा लगाई गई पुस्तक प्रदर्शनी का भी दौरा किया। सूचना और प्रसारण मंत्रालय और प्रसार भारती ने मन की बात कार्यक्रम की स्क्रीनिंग का आयोजन किया था।
मुंबई के राजभवन में मन की बात की विशेष स्क्रीनिंग के अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में हिवरे बाजार के पूर्व सरपंच पद्मश्री पोपटराव पवार, मधुमेह विशेषज्ञ एंडोक्राइनोलॉजिस्ट पद्मश्री डॉ शशांक जोशी, डीसीसीआई (दलित चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज) के अध्यक्ष पद्मश्री मिलिंद कांबले और कृषि उद्यमी मिलेट्स प्रचारक सुश्री शर्मिला ओसवाल शामिल थे। पद्म पुरस्कार विजेताओं के अतिरिक्त ‘मन की बात’ की विभिन्न कडियों में प्रधानमंत्री द्वारा उल्लिखित प्रतिभाशाली व्यक्ति भी उपस्थित थे। इस दौरान कूमी वाडिया, परशुराम खुने, गजानन माने, सोनू निगम, अनुराधा पौडवाल, आदिनाथ मंगेशकर, एकता कपूर और कल्पना सरोज, आईएमसी अध्यक्ष अनंत सिंघानिया तथा फिल्म उद्योग की हस्तियां माधुरी दीक्षित, जयंतीलाल गड़ा, प्रसाद ओक, शाहिद कपूर और रोहित शेट्टी भी उपस्थित थे।