लखनऊ: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व उ0प्र0 के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास जी की 108वीं जयंती 55, पुराना किला स्थित कोठी में बाबू बनारसी दास नगर निवासी कल्याण समिति के तत्वावधान में बाबू जी के परिजनों, समर्थकों व अनुयायियों की मौजूदगी में कोरोना काल की विषम परिस्थिति में उचित सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मनाया गया। इस अवसर पर बाबू जी की पुत्रवधू श्रीमती अलका दास गुप्ता चेयरपर्सन बीबीडी ग्रुप, उनके पौत्र श्री विराज सागर दास प्रेसीडेन्ट बीबीडी ग्रुप तथा बाबू जी की पौत्री सोनाक्षी दास ने अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही बाबू बनारसी दास जी के पुत्र व बीबीडी के अधिशाषी निदेशक श्री आर0के0 अग्रवाल ने अपने पिता के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके प्रेरक प्रसंगों का वर्णन किया।
इस मौके पर लखनऊ छावनी परिषदके पूर्व उपाध्यक्ष श्री अरूण गुप्ता, बाबू बनारसी दास नगर निवास कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री कैलाश पाण्डेय, श्री सुशील दुबे, श्री अशोक सिंह, राजू बाजपेयी, श्री अचल मेहरोत्रा, राष्ट्रीय छात्र संगठन के पूर्व अध्यक्ष डा. रेहान अहमद खान, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एनएसयूआई श्री सुबोध श्रीवास्तव, पूर्व पार्षद डाॅ. पी.एस. जायसवाल, महिला नेता व कार्यकर्ता श्रीमती वन्दना राज अवस्थी एड, श्री निहाल खान, शान बख्शी, प्रिया गुप्ता, उमा गुप्ता, कमलेश गुप्ता व चन्द्रा रावत ने भी पुष्पांजलि अर्पित कर बाबू जी केा नमन किया।
इसके अलावा बीबीडी परिवार से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता अजय श्रीवास्तव, अतीक अंसारी, सर्वेश अवस्थी, नृपेन्द्र सिंह, वसीम खान, हसन आब्दी, महेश राठौर, धीरज गुप्ता आदि ने भी बाबू जी के बताये रास्ते पर चलने का संकल्प लेते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों के मध्य अपनी याद साझा करते हुए बाबू जी के निजी सचिव रहे धर्म सिंह ने बताया कि 28 फरवरी 1979 को बाबू जी उ0प्र0 के मुख्यमंत्री बने और 18 फरवरी 1980 तक उन्होने प्रदेश की बागडोर संभाली। इस छोटे से कार्यकाल में उन्होने सहकारिता, राज्य कर्मचारियों, शिक्षा, कानून व्यवस्था, भाषा व कौमी एकता की अनूठी मिशालें कायम कीं जो आज भी प्रासंगिक हैं। उनकी सादगी और मृदभाषी व्यक्तित्व की आज भी लोगों के मध्य चर्चा का विषय होता है।