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10th Anniversary Celebrations of Indo-Russian Partnership in Science and Technology

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा तथा फाउंडेशन फॉर असिस्‍टेन्‍स टू स्‍मॉल इन्‍नोवेटिव इंटरप्राइजेज (एमएएसआईई) के महानिदेशक डॉ. सर्गेई पॉलीकोव के मध्‍य भारत-रूसी एकीकृत प्रौद्योगिकी मूल्‍यांकन और त्‍वरित व्‍यावसायिकीकरण कार्यक्रम के विषय पर एक समझौते-पत्र पर सहमति हुई। समझौते का उद्देश्‍य उद्यमों को सहयोग उपलब्‍ध कराना है ताकि वे अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग अभिनव कार्यकलापों तथा प्रौद्योगिकी स्‍थानांनतरण के जरिए वैश्‍विक प्रतिस्‍पर्धा में अपनी स्‍थिति मजबूत कर सकें। डीएसटी और एमएएसआईई भारत और रूस के संगठनों और संस्‍थाओं के मध्‍य समन्‍वय स्‍थापित करेगा ताकि उद्यम व शोध संस्‍थान संयुक्‍त रूप से प्रौद्योगिकी सहयोग और संयुक्‍त उद्यम विकसित कर सकें। प्रो. आशुतोष शर्मा ने मॉस्‍को में रूसी विज्ञान फाउंडेशन (आरएसएफ) के महानिदेशक डॉ. एलेक्‍जेंडर वितालिविच खुलनोव से भी मुलाकात की। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों को पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोग और प्रोत्साहन के लिए कई सरल तरीकों पर चर्चा की। डीएसटी और आरएसएफ के मध्‍य बैठक का समापन अनुसंधान में आपसी सहयोग में समन्‍वय बढ़ाने के साथ हुआ। दोनों पक्ष के प्रतिभा संपन्‍न युवा (39 वर्षों से कम) परस्‍पर अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग करेंगे। नए प्रस्‍ताव 2018 में आमंत्रित किए जाएंगे। अभी डीएसटी और आरएसएफ संयुक्‍त रूप से 17 संयुक्‍त उद्यमों को सहयोग प्रदान कर रहे हैं। भारत और रूस के बीच विज्ञान व प्रौद्योगिकी में सहयोग द्विपक्षीय संबंधों का एक मजबूत स्‍तंभ रहा है। विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जीवंत सहयोग दोनों पक्षों के लिए विजयी होने के समान है। इससे दोनों पक्षों में आपसी विश्‍वास भी बढ़ता है। आपसी संबंधों की प्रगाढ़ता से सभी क्षेत्रों व संस्‍थाओं (शैक्षणिक और शोध प्रयोगशाला) के बीच अनुसंधान तथा शोधार्थियों का संगम संभव हो सका है। भारत और रूस आपसी राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, नई दिल्‍ली और रशियन फाउंडेशन फॉर बेसिक रिसर्च, मॉस्‍को आपसी सहयोग की 10वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। दोनों पक्षों ने स्‍टार्ट-अप उद्यमों के लिए कार्य करने और अभिनव प्रयोग के लिए भारत-रूसी सेतु बनाने पर सहमति जताई है। एकीकृत दीर्घावधि कार्यक्रम (आईएलटीपी) के अवसान के पश्‍चात 2007 में मूलभूत विज्ञान कार्यक्रमों के उद्देश्‍य से भारत का विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और रशियन फेडेरेशन ऑफ बेसिक रिसर्च (आरएफबीआर) का उदय हुआ। डीएसटी और आरएफबीआर के मध्‍य सहयोग प्रारंभिक वर्षों में केवल आईएलटीपी के कार्यों तक सीमित था। धीरे-धीरे परस्‍पर सहयोग बढ़ता गया और आज डीएसटी और आरएफबीआर कार्यक्रम मूलभूत विज्ञान पर सहयोग के सबसे मजबूत प्‍लेटफॉर्मों में से एक है। इस सहयोग से भारतीय वैज्ञानिकों को रूस के शिक्षण तथा विज्ञान संस्‍थानों में कार्य करने का अवसर प्राप्‍त हुआ है। पहली बार वर्ष 2008 में डीएसटी और आरएफबीआर कार्यक्रम पर सहमति जताई गई। पिछले 10 वर्षों में डीएसटी और आरएफबीआर ने संयुक्‍त रूप से 254 अनुसंधान परियोजनाओं को सहयोग प्रदान किया है, जबकि कुल 870 परियोजनाओं का प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ था। कार्यक्रमों की कठिनता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कार्यक्रमों की सफलता की दर मात्र 25 प्रतिशत है। वैज्ञानिक क्षेत्रों के संदर्भ में लगभग सभी क्षेत्रों की परियोजनाओं को समर्थन दिया गया है जैसे भौतिकी और खगोलशास्त्र (69 परियोजनाएं), रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान (55 परियोजनाएं), जीवविज्ञान और चिकित्सा विज्ञान (34 परियोजनाएं), पृथ्वी विज्ञान (32 परियोजनाएं), गणित (27 परियोजनाएं), इंजीनियरिंग विज्ञान (23 परियोजनाएं) और कंप्यूटर विज्ञान एवं दूरसंचार (14 परियोजनाएं) आदि। इन परियोजनाओं के लगभग 800 शोध प्रकाशित हुए हैं। पिछले वर्ष इस कार्यक्रम में अंतर विभागीय अनुसंधान को भी जोड़ा गया है। पहले आमंत्रण में ही 52 प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए जिसमें 17 प्रस्‍तावों को संयुक्‍त रूप से लागू करने के लिए स्‍वीकृति दी गई। इससे द्विपक्षीय संबंधों में नए अवसरों का सृजन होगा। डीएसटी के सचिव तथा अन्‍य रूसी संस्‍थाओं ने आपसी सहयोग के लिए निम्‍न विषयों पर आपसी सहमति व्‍यक्‍त की है। डीएसटी और एफएएसआईई के बीच समझौता ज्ञापन (लघु व मध्‍यम क्षेत्र और स्टार्ट-अप कंपनियों के लिए अनुसंधान और विकास सहयोग को बढ़ावा) डीएसटी और आरएफबीआर में मूलभूत विज्ञान के सहयोग को जारी रखना। प्रस्तावों के अगले आमंत्रण के लिए रूसी विज्ञान फाउंडेशन के साथ परिशिष्ट को अंतिम रूप देना। प्रस्तावों के अंतिम आमंत्रण के लिए शिक्षा एवं विज्ञान मंत्रालय, रूस द्वारा डीएसटी दस्तावेजों की निगरानी तथा परियोजनाओं का संयुक्त चयन। समझौता पत्र को लागू किए जाने के लिए चर्चा जो पिछले वर्ष गोवा शिखर सम्‍मेलन में निष्कर्ष निकाला गया था। अभिनव अनुसंधान तथा इसके लिए भारत-रूसी सेतु निर्माण (नवाचार) के संदर्भ में एक समझौते पत्र पर आर्थिक विकास मंत्रालय, रूस के साथ चर्चा और बातचीत। साइबर भौतिक प्रणाली (बिग डेटा, साइबर सुरक्षा, इंटरनेट ऑफ थिंग्‍स, सुपरकॉम्पिंग) में सहयोग पर सेंट पीटर्सबर्ग यूनिवर्सिटी के साथ चर्चा। द्विपक्षीय सहयोग में भागीदारी के लिए सेंट पीटर्सबर्ग के आईओएफएफई संस्थान के साथ चर्चा। (इसके वैज्ञानिकों में से एक को हाल ही में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था)।
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A MOU on the India-Russia unified technology assessment and accelerated commercialization programme, was concluded in Moscow in 20th June 2017, by the Secretary, Department of Science & Technology (DST) Professor Ashutosh Sharma and Director General, Foundation for Assistance to Small Innovative Enterprises (FASIE), Russia Dr. Sergey Polyakov.

The MOU aims at facilitating support enterprises to improve their global competitiveness through international cooperation, innovative activities and technology transfer. The two agencies (DST and FASIE) will link the Indian and Russian organisations and institutions to develop user-friendly and easy mechanisms for assisting companies and research entities to jointly develop technology collaboration and joint projects.

Professor Ashutosh Sharma also met with Dr Alexander Vitalievich Khulnov, Director General, Russian Science Foundation (RSF) in Moscow. They discussed many simple ways for encouraging young scientists to cooperate in areas of mutual interest.

The meeting concluded with an Addendum to the Agreement between DST and RSF on coordinated competition for conducting collaborating research. Both sides would support young achievers (less than 39 years) in a competitive mode for joint collaborative research. Next call for proposals would be made in 2018. Presently 17 joint projects are being supported by DST and RSF jointly.

Science and Technology cooperation between India and the Russian Federation has been one of the important pillars of the long standing and time tested bilateral relationship. The vibrant partnership in science and technology has created a win-win situation which is driven by a sense of confidence and purpose in achieving together. This deepening relationship has enabled the free confluence of researchers across disciplines and institutions both from academia and research laboratories. The principles of collaborative advantage, reciprocity and mutual trust are the hall mark of the India-Russia S&T relationship.

India and Russia are celebrating 70th year of establishment of diplomatic relations between two countries. Department of Science & Technology, New Delhi and Russian Foundation for Basic Research, Moscow are also celebrating 10th year of their partnership.

Two sides are agreed to work for start-up companies and entrepreneurs and to establish Indo-Russian Bridge for Innovation.

With the sunset of the Integrated Long Term Programme (ILTP) with the Russian Academy of Sciences, the birth of the Department of Science & Technology (DST), India and the Russian Federation of Basic Research (RFBR) programme on Basic Sciences took place in 2007. The initial few years of DST-RFBR partnership was a modest one, competing with the footprint left by the ILTP. However, the DST-RFBR programme emerged steadily and today it provides one of the robust platforms for bilateral scientific cooperation in Basic Sciences. It has given access to Indian scientists to work with the entire spectrum of Russian academic and scientific institutions in pursuing front ranking curiosity driven fundamental research of international standards. The first call under DST-RFBR programme was awarded in 2008. In last ten years, DST and RFBR have jointly supported 254 research projects out of 870 project proposals received. The rigour of the programme is reflected by an average success rate of about 25%. In terms of scientific areas, projects have been supported across the fields of basic sciences covering Physics & Astronomy (69 projects), Chemistry & Material Sciences (55 projects), Biology & Medical Sciences (34 projects), Earth Sciences (32 projects), Mathematics (27 projects), Engineering Sciences (23 projects) and Computer Sciences and Telecommunications (14 projects). Around 800 research publications have emerged from these projects, averaging publications per project. Last year a new element of inter-disciplinary research was added to the programme. Against the maiden call, 52 proposals were received out of which 17 were selected for joint implementation. This will further unfold new opportunities in the bilateral cooperation.

This visit of Secretary DST, has been utilized to discuss with other Russian stake holders of bilateral scientific cooperation on the following targeted activities:

a. Conclude MOU between DST and FASIE (to promote R&D cooperation with participation of SME sector and start- up companies)

b. Conclude renewal document between DST and RFBR on continuation of partnership in Basic Science cooperation

c. Conclude Addendum with Russian Science Foundation for next call of proposals

d. Supervise conclusion of DST document with Russian Ministry of Education & Science on joint selection of projects against last call of proposals

e. Discussion on implementation of MOU, concluded in Goa Summit last year, with Russian Federal Agency of Scientific Organisation

f. Discussion and Negotiation with Russian Ministry of Economy Development for a MOU for cooperation in Innovative R&D and to establish Indo-Russia Bridge for Innovation

g. Discussion with St. Petersburg University on cooperation in Cyber Physical System (Big Data, Cyber Security, Internet of Things, Supercomputing)

h. Discussion with IOFFE Institute in St. Petersburg on their participation in bilateral cooperation. (One of its scientists was recently awarded with Nobel Prize in Physics).

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