उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक स्कूलों में अंग्रेजी की पढ़ाई के पक्षधर नहीं है. उनका मानना है कि जब तक एक बच्चे का दिमाग पूरी तरह से विकसित न हो जाए तब तक उसे अंग्रेजी नहीं पढ़ाई जानी चाहिए.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘दसवीं क्लास के पहले अंग्रेजी की पढ़ाई नहीं होनी चाहिए. मेरा मानना है कि जब तक विद्यार्थी पूरी तरह से विकसित न हो जाए, अन्य भाषाओं को समझने न लगे, तब तक उसे अंग्रेजी की शिक्षा नहीं देनी चाहिए. दसवीं कक्षा तक मातृभाषा की पढ़ाई ही सबसे बेहतर है.’
उत्तर प्रदेश में हिंदी मीडियम को बढ़ावा देने का सुझाव देते हुए उन्होंने कहा, ‘मराठी का उदाहरण लें, जो मेरी मातृभाषा है. यह भाषा महाराष्ट्र में दसवीं क्लास तक के छात्रों के लिए सबसे उचित है.’
पिछले कुछ दिनों से राम नाइक अपने बयानों के कारण विवादों में रहे हैं. ऐसे में यह ताजा बयान भी एक बार सुर्खियां का हिस्सा बनेगा ही.
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