नई दिल्ली: 11वें पूर्वोत्तर व्यावसाय सम्मेलन का आज नई दिल्ली में शुभारंभ हुआ। यह दो दिवसीय कार्यक्रम पूर्वोत्तर क्षेत्र में निवेश बढ़ाने एवं सुगम बनाने, तथा पूर्वोत्तर की ताकत एवं वहां मौजूद व्यावसायिक अवसरों का प्रदर्शन करने की एक पहल है।
इस सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर वीडियो संदेश के माध्यम से दिए अपने सम्बोधन में केन्द्रीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि पूर्वोत्तर के हस्तशिल्प एवं हथकरघा को आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर दुनियाभर में बेचने के लिए जल्द ही एक ई-कॉमर्स पोर्टल की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि, दार्जिलिंग गोरखा पहाड़ी परिषद (Darjeeling Gorkha Hill Council) ने रेल नेटवर्क को दार्जिलिंग तक बढ़ाने के लिए पर्याप्त ज़मीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। इस रेल नेटवर्क को आने वाले समय में आगे सिक्किम तक भी पहुंचाया जाएगा।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष विभाग मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह कल इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
दो दिवसीय इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव श्री नवीन वर्मा ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रेलवे ब्रॉड गेज नेटवर्क की तर्ज पर एक हरित गलियारा (ग्रीन कॉरिटोर) बनाने का प्रस्ताव रखा। 11वें पूर्वोत्तर व्यावसाय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए श्री वर्मा ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र को उत्पाद प्रतिस्पर्धा के अनुकूल बनाने के लिए तीव्र एवं विश्वसनीय पारगमन एवं माल ढोने के माध्यमों की आवश्यकता है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में उत्पादित बागवानी एवं कृषि उत्पादों का अधिकांश हिस्सा पूर्वोत्तर की सीमा से लगे देशों में निर्यात किए जाने का उल्लेख करते हुए श्री वर्मा ने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्राकृतिक उत्पादों के लिए मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने के प्रति वचनबद्ध है। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव ने उद्यमियों से आग्रह करते हुए कहा कि निवेशक पूर्वोत्तर क्षेत्र में निवेश का फायदा उठाएं। उन्होंने बताया कि सभी केन्द्रीय मंत्रालयों ने अपने बजट का 10 फीसदी हिस्सा पूर्वोत्तर क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं के लिए तय किया है। श्री वर्मा ने एनईएसबी के आयोजकों से आह्वान किया कि वे अगला सम्मेलन पूर्वोत्तर क्षेत्र में ही आयोजित करें ताकि इस क्षेत्र के भीतर मौजूद व्यावसायिक आदि अवसरों का दुनियाभर के समक्ष प्रदर्शन किया जा सके।
इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी सचिव सुश्री अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि भारत में कार्यरत सालाना करीब 155 बिलियन डॉलर के कारोबार वाले विभिन्न बीपीओ में सेवारत कर्मचारियों में करीब 20 फीसदी पूर्वोत्तर के लोग कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, सरकार की योजना के अनुसार पूर्वोत्तर में स्थित तीन अन्य सॉफ्टवेयर तकनीकी पार्कों की इकाइयों से सरकार को उम्मीद है कि राजस्व के एक हिस्से को यहां से सृजित किया जाएगा। यह क्षेत्र खुद अपनी क्षमताओं के बल पर इस कार्य को अमलीजामा पहनाने में सफल होगा।
सभा को संबोधित करते हुए औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के सचिव श्री रमेश अभिषेक ने उद्योग जगत से अपील करते हुए कहा कि वे पूर्वोत्तर औद्योगिक नीति कार्यक्रमों का फायदा उठाएं। उन्होंने पूर्वोत्तर के राज्यों से आह्वान किया कि वे राज्यों के डीआईपीपी ऑनलाइन वास्तविक समय सूचकांक में अपनी रैंकिंग सुधारने का प्रयास करें।
इस अवसर पर केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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