रथयात्रा हेतु आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कृष्ण कृपा दास ने बताया कि भगवान जगन्नाथ रथयात्रा समारोह इस्कॉन पटना के तत्वावधान में 14 जुलाई 2018 को होने जा रहा है. पिछले अठारह वर्षों के सफल आयोजनों से इस महोत्सव ने अच्छी लोकप्रियता हासिल कर ली है. बिहार ही नहीं अपितु देश के विभिन्न भागों तथा विदेशों से भी लोग इस आयोजन में शामिल होने के लिए आ रहे हैं. देश के विभिन्न प्रांतों से आये नामचीन एवं सिद्धहस्त कलाकार रथ को आकर्षक एवं भव्यतम रूप प्रदान करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. विभिन्न चटक रंगों एवं आधुनिक कलाकृति के संयोजन द्वारा रध को अत्यन्त ही मोहक एवं नयनाभिराम बनाने की भरसक कोशिश की जा रही है.
रथयात्रा मार्ग में विभिन्न स्थानों पर पुष्पवर्षा द्वारा एवं आरती करके श्रीभगवान का स्वागत किया जाएगा। सम्पूर्ण रथयात्रा मार्ग में भक्तों द्वारा भगवान एवं भक्तों का स्वागत और महाआरती की तैयारी चल रही है। बड़े पैमाने पर प्रसाद वितरण के लिए प्रसाद बनाने की तैयारी भी जोरदार ढंग से की जा रही है। उन्होंने ने कहा कि भगवान श्रीजगन्नाथजी भगवान श्रीकृष्ण के ही अभिन्न स्वरूप हैं तथा उनकी यह यात्रालीला अद्भुत है। यह रथयात्रा एकता एवं सुख-शान्ति का प्रतीक है।
भगवान की महती कृपा है कि जीवों के कल्याण हेतु दर्शन देने के लिए स्वयं प्रत्येक वर्ष बाहर निकलते हैं। इस्कॉन के प्रतिष्ठाचार्य ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद ने आज पुरी के साथ-साथ पूरे विश्व में श्रीजगन्नाथ रथयात्रा निकाल कर दर्शन सुलभ करा दिया। सभी भक्तों से मेरा नम्र निवेदन है कि भगवान के इस अद्भुत स्वरूप का दर्शन करके अपने जीवन को सार्थक बनावें।
उन्होंने ब्रह्माण्ड पुराण को उद्धृत करते हुए कहा कि -“जो व्यक्ति भगवान का रथ खींचता है, रथयात्रा उत्सव को देखता है, भगवान का स्वागत करता है, उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं तथा इस जीवन की समाप्ति पर उसे भगवद्धाम की प्राप्ति होती है।” लन्दन से पधारे इस्कॉन के क्षेत्रीय सचिव एवं आचार्य श्रीमद् महाविष्णु स्वामीजी महाराज कार्यक्रम को सुशोभित करेंगे तथा अपना आशीर्वचन देंगे। मन्दिर निर्माण समिति के अध्यक्ष श्री एल एन पोद्दार के कर-कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर एवं झाडू लगाकर यात्रा का शुभारंभ होगा।
रथयात्रा के विशेष आकर्षण
- रथयात्रा समय – 02:30 बजे अपराह्न से संध्या 07:00 बजे तक।
- अद्भुत दर्शन।
- सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान (भजन-कीर्तन के माध्यम से) एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा झाड़ू लगाने से।
- 40 फीट उँची हाइड्रोलिक सिस्टम से बनी रथ।
- हजारों भक्तों के बीच महाप्रसाद का वितरण।। डेस्क (अभिषेक चंद्रा)