प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा यूपी स्टेट इंजीनियरिंग एंट्रेंस उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कराया जाएगा। वहीं 25 से शुरू होने वाली ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के फॉर्म की कीमत भी घटा दी गई है। छात्राओं को आवेदन फॉर्म आधी कीमत पर मिलेंगे। बुधवार को यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी की केंद्रीय प्रवेश समिति (कैब) की बैठक में नई प्रक्रिया पर सहमति बन गई। वहीं इस बार फर्जीवाड़े को रोकने के लिए परीक्षा के समय अभ्यर्थियों की बायोमीट्रिक अटेंडेंस लेने का भी फैसला किया गया है।
बीते वर्ष यूनिवर्सिटी ने प्रदेश के 31 सेंटर्स पर परीक्षा कराई थी। इसके बाद भी सीटों के सापेक्ष कम आवेदन आए थे। इसे देखते हुए इस बार प्रशासन ने प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर परीक्षा कराने का फैसला किया है। इसी के साथ इस बार दिल्ली, भोपाल, देहरादून, जयपुर, रांची, पटना, चंडीगढ़ और भागलपुर में भी सेंटर बनाने का फैसला किया है। एसईई के आवेदन फॉर्म 25 मार्च तक भरे जाएंगे।
बीते वर्ष आवेदन फॉर्म की कीमत सामान्य और ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए 1000 रुपये व एससी-एसटी अभ्यर्थियों के लिए 500 रुपये थी। इस बार यह फीस 800 और 400 रुपये कर दी गई है। वहीं सभी वर्गों की छात्राओं के लिए आवेदन फीस 400 रुपये ही रखी गई है। आवेदन फॉर्म के कॉलम में थर्ड जेंडर का भी ऑप्शन रहेगा।
प्रवेश शमन्वयक प्रो. जेपी सैनी ने बताया कि स्टूडेंट्स की सहूलियत के लिए करीब 250 हेल्पडेस्क बनाई जाएंगी, जहां अभ्यर्थी अपने फॉर्म भर सकेंगे। उन्होंने बताया कि आवेदन फॉर्म यूनिवर्सिटी की वेबसाइट www.uptu.ac.in और www.upsee.nic.in पर भरे जा सकेंगे। बीटेक, बीफार्मा और होटल मैनेजमेंट के अभ्यर्थियों के लिए 12वीं में 45 फीसदी और बीऑर्क के लिए यह अर्हता 50 फीसदी है। वहीं एमबीए और एमसीए के लिए स्नातक में 50 फीसदी अंक पाना जरूरी है। बीटेक और यूजी कोर्सेज की प्रवेश परीक्षा 19 अप्रैल को होगी। वहीं एमबीए और एमसीए की ऑनलाइन परीक्षा 26 अप्रैल को होगी।
एडमिशन प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा रोकने और सॉल्वर्स की दखल कम करने के लिए यूपीटीयू ने बॉयोमीट्रिक अटेंडेंस लेने का फैसला किया है। इस बार के आवेदन फॉर्म में भी अभ्यर्थी को अपने हस्ताक्षर, नाम सहित फोटो और अंगूठे का निशान भी ऑनलाइन फॉर्म के साथ अटैच करना होगा। परीक्षा संयोजक प्रो. जेपी सैनी ने बताया कि परीक्षा के समय छात्रों के बॉयोमीट्रिक अटेंडेंस लिए जाएंगे। ऐसे में वेरिफिकेशन में गड़बड़ी आसानी से पकड़ी जा सकेगी।