नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज विज्ञान भवन में एमएसएमई के राष्ट्रीय बोर्ड की 14वीं बैठक के अवसर पर एमएसएमई मंत्रालय की दो महत्वपूर्ण पहलों अर्थात एमएसएमई डेटाबैंक पोर्टल और ऑनलाइन वित्त सुविधा सेवा वेब पोर्टल का शुभारंभ किया। श्री कलराज मिश्र, केंद्रीय एमएसएमई मंत्री, श्री गिरिराज सिंह और श्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी, एमएसएमई राज्य मंत्री इस अवसर पर उपस्थित थे।
श्री मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि एमएसएमई मंत्रालय http://www.msmedatabank.in पर एक व्यापक डेटाबैंक लांच करके पहली बार देश में एमएसएमई की ऑनलाइन जनगणना कर रहा है। इससे न केवल भौतिक जनगणना के लिए आवश्यक प्रयासों और पैसे की बचत होगी, बल्कि इससे एमएसएमई इकाइयां और विभिन्न संघ महज बटन क्लिक करके एवं अपनी इकाइयों में बैठ कर डेटा पेश कर सकेंगे। डेटाबैंक का एमआईएस डैशबोर्ड डेटाबैंक पर पंजीकृत विभिन्न प्रकार के एमएसएमई के बारे में वास्तविक समय पर जानकारी प्रदान करेगा। डेटाबैंक का उपयोग आखिरकार सार्वजनिक खरीद के लिए किया जाएगा और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) एमएसएमई से खरीदारी के लिए डेटा का उपयोग करेंगे।
श्री कलराज मिश्र ने यह भी कहा कि डेटाबैंक का उद्देश्य भारत के एमएसएमई के बारे में एक ही स्थान पर जानकारी सुलभ कराने वाले स्रोत के रूप में उभरना है, जिसमें उनके ऋण एवं प्रौद्योगिकी, कच्चे माल से जुड़ी आवश्यकताएं और विपणन इत्यादि शामिल हैं। यह निर्णय भी लिया गया है कि किसी भी एमएसएमई को तब तक कोई अनुदान या सब्सिडी नहीं दी जाएगी जब तक कि एमएसएमई डेटाबैंक पर उससे जुड़े आंकड़े दर्ज नहीं हो जाएंगे।
राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी), जो कच्चे माल की खरीद के लिए विभिन्न एमएसएमई इकाइयों को उपयुक्त ऋण सहायता प्रदान करता है, ने http://www.nsicffconline.in पर एक ऑनलाइन वित्त सुविधा केंद्र शुरू किया है। आरंभ में वित्त सुविधा केंद्रों का परिचालन आज से ही जालंधर, पीन्या, लुधियाना, गुवाहाटी, लखनऊ और दिल्ली में शुरू हो जाएगा। इस पोर्टल के जरिए एमएसएमई विभिन्न बैंकों से ऋण के लिए खुद एनएसआईसी के पोर्टल पर ही आवेदन कर सकेंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कारोबार करने में आसानी सुनिश्चित करने की दिशा में अनेक कदम उठाने के लिए श्री कलराज मिश्र के प्रयासों की सराहना की।