नई दिल्ली: पूरे देश में सभी सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक गहन विषयक अभियान के रूप में 15 दिवसीय विशेष ‘स्वच्छ कार्यालय अभियान’ की शुरूआत की गई। इस अभियान की शुरूआत करते हुए शहरी विकास मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज निर्माण भवन में नीम का पौधा लगाया और स्वच्छता का मौके पर मूल्यांकन करने के लिए लगभग एक घंटे तक इस भवन का निरीक्षण किया।
उन्होंने भवन के गलियारों, व्यक्तिगत कक्षों, शौचालयों, भंडार गृहों, पानी की टंकियों और भवन के टेरेस पर लगे सौर पैनलों का निरीक्षण किया और रख-रखाव रजिस्टरों का सत्यापन किया।
बाद में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में श्री नायडू ने कहा कि हालांकि स्वच्छता की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है,लेकिन अभी भी सुधार की काफी गुंजाइश है। उन्होंने अपने मंत्रालय और केन्द्रीय सार्वजनिक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पूर्ण स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए नियमित जांच-पड़ताल करें। उन्होंने यह निर्देश भी दिया कि किसी भी विद्युत वितरण बोर्ड में अपशिष्ट सामग्री डालने पर कार्रवाई की जाएगी।
आज स्वच्छ कार्यालय अभियान शुरू करने से पूर्व शहरी विकास मंत्रालय ने सभी केन्द्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों को स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छ कार्यालय मैनुअल जारी किया गया और मानक कार्यालय प्रक्रियाओं का सुझाव दिया गया। इसमें सुझाए गए मानदंडों में कर्मचारियों की संख्या के आधार पर प्रति व्यक्ति, प्रति दिन 45 लीटर पानी की आपूर्ति, प्रत्येक 25 लोगों के लिए एक शौचालय और मूत्रालय उपलब्ध कराना तथा हर सप्ताह पूरी तरह सफाई करना, बिजली की फिटिंग की एक सप्ताह में दो बार जांच-पड़ताल,शौचालयों की प्रतिदिन दो बार तेजाब से सफाई करना तथा निरीक्षण के कार्यक्रम आदि शामिल हैं। मैनुअल से स्वच्छ कार्यालय रेटिंग में सुधार के लिए स्वयं मूल्यांकन ढांचे को बनाने में मदद मिलेगी और सुधारात्मक प्रयासों के लिए स्वच्छता के बुनियादी ढांचे में खामियों को पहचाना जा सकेगा।