नई दिल्ली: 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष, श्री एन.के. सिंह ने आयोग के सदस्यों और अधिकारियों के साथ आज केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल और उनके मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक विस्तृत बैठक की। श्रीमती बादल ने आयोग को खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र और अर्थव्यवस्था में उसके योगदान का विवरण दिया। उन्होंने मंत्रालय द्वारा जिन मुद्दों पर प्रमुखता से ध्यान दिया जा रहा है उनकी और प्रमुख नीतिगत पहलों की रूपरेखा की जानकारी दी। वित्त आयोग ने इस तथ्य की सराहना की कि मंत्रालय ने 2015 के बाद भारत में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार के लिए अनेक महत्वपूर्ण पहल की हैं, जो कचरे को कम करने, कृषि आय बढ़ाने और मूल्य वर्धित क्रियाकलाप करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
आयोग ने महसूस किया कि मंत्रालय की ‘आपूर्ति श्रृंखला ग्रिड’ परियोजना और मूल्य वर्धित बुनियादी ढांचा निर्देश को पूरा किया जाना चाहिए जिस पर अभी काम चल रहा है। यह ग्रिड खेत से कांटे तक बीज रहित आपूर्ति श्रृंखला को आगे बढ़ा सकता है और इसके लिए प्रति परियोजना लगभग 10 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। आयोग ने महसूस किया कि कृषि क्षेत्र में एक साथ सुधारों, दीर्घकालिक अनुबंध कृषि, एपीएमसी के उन्मूलन और अन्य जुड़े नियमों की रुकावट को कम करके ऐसा करना संभव है।
आयोग ने मंत्रालय की “ऑपरेशन ग्रीन्स” परियोजना की सराहना की, जो टमाटर, प्याज और आलू (टीओपी) फसल और मूल्य स्थिरीकरण उपायों की एक विकसित एकीकृत मूल्य श्रृंखला है। आयोग ने महसूस किया कि टमाटर, प्याज और आलू अप्रचलित नियमों के दायरे से बाहर हैं। 15वां वित्त आयोग खेती से आय, कौशल आधारित रोजगार गतिविधि और इस बढ़ते हुए क्षेत्र में छोटे और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
आयोग ने मंत्रालय के सुझावों को सहानुभूति पूर्वक सुना कि वाणिज्य मंत्रालय की शाखाओं कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) और समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) को कृषि और समुद्री प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात के बेहतर और प्रभावी प्रबंधन के लिए खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के अधीन होना चाहिए।