नई दिल्ली: 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन श्री एन.के. सिंह की अध्यक्षता में आयोग के सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों ने आज राजस्थान के शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
आयोग को जानकारी दी गई :
- संविधान की 12वीं अनुसूची में वर्णित 18 कार्यों में से 16 का कार्यभार यूएलबी को हस्तांतरित हो चुका है। जल आपूर्ति कार्य आंशिक रूप से हस्तांतरित किया गया है और शहरी योजना का कार्य यूएलबी को हस्तांतरित किया जाना शेष है।
- राजस्थान में कुल 190 यूएलबी है। इनमें से 149 नगरपालिका परिषद, 34 नगरपालिका और 07 नगर निगम है।
14वें वित्त आयोग ने 2015-20 के लिए राजस्थान को मूल अनुदान के रूप में 3611 (कुल अनुदान का 5.2 प्रतिशत) करोड़ रुपये तथा प्रदर्शन अनुदान के रूप में 903 करोड़ रुपये (कुल अनुदान का 5.2 प्रतिशत) हस्तांतरित करने की अनुशंसा की थी।
राजस्थान के पीआरएजी के अनुसार यूएलबी के लेखांकन के संबंधित निम्न मुद्दों हैं –
- शहरी स्थानीय निकायों की उत्तरदायित्व व्यवस्था और वित्तीय रिपोर्ट देने का कार्य कमजोर रहा है। 2017-18 के दौरान केवल 68 प्रतिशत यूएलबी खातों को प्रमाणित किया गया है।
- यूएलबी के पैसों को जमा करने और कई बैंक खातें होने की समस्या है। इससे पारदर्शिता और उत्तरदायित्व में कमी आती है। नगरपालिका निधियों में मार्च, 2018 तक 1652 करोड़ रुपये की धनराशि का कोई उपयोग नहीं हो पाया था।
- 01 अप्रैल, 2010 से यूएलबी को एक्यूरल बैंक अकाउंट सिस्टम में खाता चालू रखने का सुझाव दिया गया था। इसके लिए राष्ट्रीय नगरपालिका खाता नियमावली (एनएमएएम) की शुरुआत की गई थी। लेकिन इस प्रणाली में केवल 60 यूएलबी ही अपने खाते चला रहे हैं।
बीकानेर, जयपुर, गंगापुर, सुजानगढ़, निवाई, संभर, प्रतापगढ़, केशब्राईपतन, शाहपुरा और सीकर के नगरपालिका व नगरपालिका परिषदों के प्रतिनिधियों वित्त आयोग के साथ चर्चा के दौरान उपस्थित थे।
आयोग ने यूएलबी के सुझावों पर विचार किया और कहा कि इस संबंध में आयोग केन्द्र सरकार को अनुशंसा प्रदान करेगा।