नई दिल्ली: 15वें वित्त आयोग का ओडिशा का दौरा पंचायती राज्य संस्थानों (पीआरआई) और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के प्रतिनिधियों और आयोग के मध्य आयोजित बैठक से शुरू हुआ।
आयोग इस बारे में एकमत था कि पंचायती राज्य संस्थानों के तीनों स्तरों को वित्तीय हस्तांतरण का एक हिस्सा मिलना चाहिए। यह भी अनुभव किया गया कि इन संस्थानों की व्यवहार्यता के लिए राजस्व क्षमताओं को बढ़ाना आवश्यक है। आयोग का यह मानना था कि संपत्ति कर लगाने की अभी भी अनुमति नहीं है। आयोग ने यह भी अनुभव किया कि पीआरआई और यूएलबी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अन्य उपायों के साथ-साथ संपत्ति कर को भी प्राथमिकता दी जाए।
बैठक में आयोग ने कहा कि ओडिशा महिला सशक्तीकरण का एक जगमगाता उदाहरण है। पीआरआई और यूएलबी की 16 प्रतिनिधियों में 10 महिलाएं हैं। इस प्रकार वास्तविक प्रतिनिधित्व 50 प्रतिशत के विधान से भी अधिक है।