नई दिल्लीः 15वें वित्त आयोग ने कल (05 अप्रैल, 2018) अरूणाचल प्रदेश की अपनी चार दिवसीय यात्रा की शुरुआत की। आयोग ने राज्य के माननीय मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्रीपरिषद एवं राज्य के अन्य अधिकारियों के साथ बैठकें की। आयोग ने विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं, जनजातीय नेताओं, स्थानीय निकायों एवं उद्योगपतियों के साथ व्यापक स्तर पर परस्पर बैठकों का आयोजन किया तथा राज्य में उपलब्ध अवसरों तथा राज्य के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में व्यापक अंतरदृष्टि प्राप्त की। आयोग ने राज्यपाल माननीय ब्रिगेडियर (डॉ.) बी.डी.मिश्रा से भी मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने 15वें वित्त आयोग का स्वागत किया तथा आयोग की यात्रा के पहले राज्य के रूप में अरूणाचल प्रदेश का चयन करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडु के नेतृत्व में टीम अरूणाचल द्वारा राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दी गई तथा राज्य के विकास के लिए राज्य द्वारा किए गए प्रयासों की विस्तृत जानकारी पेश की गयी।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकारी टीम तथा मुख्य सचिव श्री सत्य गोपाल ने अपने चार घंटे लंबे प्रस्तुतिकरण में राज्य के लिए अवसरों तथा चुनौतियों तथा अपनी मांगों की एक व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत की। राज्य सरकार द्वारा रेखांकित कुछ प्रमुख बिंदुओं में; अरूणाचल प्रदेश को उसकी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, पहाड़ी क्षेत्र, जटिल मौसम, सीमित कार्य मौसम, बुनियादी ढांचे की कमी, विभिन्न विकास कार्यक्रमों के लिए भौतिक एवं डिजिटल कनेक्टीविटी की बाधा आदि के कारण उसपर विशेष ध्यान दिए जाने का आग्रह शामिल है। निजी क्षेत्र द्वारा निवेश की कमी और निम्न संसाधन आधार के कारण सरकार ही रोजगार की मुख्य प्रदाता है तथा ढांचागत सुविधाओं का वित्त पोषण कर रही है।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की तरफ से आयोग के समक्ष एक विस्तृत ज्ञापन प्रस्तुत किया। आयोग राज्य के सशक्तिकरण एवं विकास की दिशा में राज्य सरकार द्वारा दिए गए रचनात्मक एवं उपयोगी सुझावों की सराहना करता है।