नई दिल्ली: केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों (वीसी) की एक दिवसीय समीक्षा बैठक आज नई दिल्ली में आयोजित की गई। राष्ट्रपति भवन में 4-5 फरवरी, 2015 को आयोजित कुलपतियों के सम्मेलन में लिये गये निर्णयों की समीक्षा के लिए यह बैठक आयोजित की गई।
बैठक की शुरुआत में तीन विषयों पर प्रस्तुतियां दी गईं। ये हैं- (i) केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसंधान को बढ़ावा देने पर जेएनयू के पूर्व कुलपति प्रोफेसर आशीष दत्ता की प्रस्तुति (ii) महिला अध्ययन केन्द्रों को मजबूती प्रदान करने के तौर-तरीकों पर कर्नाटक राज्य महिला विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. मीना चन्दावारकर की प्रस्तुति (iii) निःशक्तजनों से जुड़े मसलों पर सुश्री इंदुमति राव की प्रस्तुति।
इसके बाद बैठक के लिए तय विषयों (एजेंडा) और 4-5 फरवरी, 2015 को आयोजित कुलपतियों के सम्मेलन में तय कार्रवाई वाले बिन्दुओं की दिशा में हुई प्रगति पर कुलपतियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श हुआ, जो निम्नलिखित हैं:-
- ज्यादातर कुलपतियों ने सूचित किया कि उन्होंने शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है और अक्टूबर, 2015 तक बड़ी संख्या में रिक्त पदों को भर दिया जाएगा।
- 17 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों (सीयू) को एनएएसी से मान्यता मिल गई है। 7 सीयू ने एनएएसी की ओर से पुनः मान्यता पाने के लिए आवेदन किया है और 9 सीयू ने पहली बार एनएएसी की मान्यता के लिए आवेदन किया है। 5 और सीयू ने एनएएसी की मान्यता के लिए जल्द ही आवेदन करने का आश्वासन दिया है।
- स्नातकोत्तर स्तर पर, 39 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में से 37 केन्द्रीय विश्वविदयालयों को विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली (सीबीसीएस) के तौर पर लाया जा चुका है। 13 नए केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में पूर्व-स्नातक कार्यक्रम नहीं हैं और पूर्व-स्नातक स्तर 18 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों सीबीसीएस को पहले ही ला चुके हैं। सभी कुलपतियों ने विश्वास दिलाया कि उनकी तैयारियां पूरी हैं और वे इस अकादमिक सत्र में सीबीसीएस को शुरू कर देगें।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 85 प्रमुख और 18 विशेष पाठ्यक्रमों के लिए मॉडल पाठ्यक्रमों को तैयार किया है और विश्वविद्यालय वर्तमान प्रावधानों में 70 प्रतिशत तक की समान सामग्री की वारंटी के साथ 30 प्रतिशत की सीमा तक पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए स्वतंत्र हैं।
- सीबीसीएस को सुगम बनाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग पूरे देश को शामिल करते हुए 8 क्षेत्रीय कार्यशालाएं आयोजित की।
- 19 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में बी.वीओसी कार्यक्रमों का शुभारंभ किया जा चुका है।
- 19 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के लिए समुदायिक महाविद्यालों की स्वीकृति दी जा चुकी है।
- 25 केन्द्रीय विश्वविद्यालय समुदाय विकास प्रकोष्ठ (सीडीसीएस) की स्थापना कर चुके हैं।
- 19 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों ने अपने विकास के लिए ग्रामों को अपनाया/चिन्हित कर लिया है।
- अन्य मुद्दे जैसे परिसर संपर्क योजना, दक्षता केन्द्रों का निर्माण, अभिनव केन्द्रों की स्थापना, पूर्वछात्रों की भागीदारी, प्रेरित शिक्षकों का नेटवर्क, उद्योग संपर्क आदि पर भी विचार-विमर्श किया गया, जहां अधिकांश विश्वविद्यालय या तो संतोषजनक प्रगति कर चुके हैं अथवा इसकी प्रक्रिया में हैं, या उनको उच्च प्राथमिकता दे रहे हैं।