वड़ोदरा स्थित नेशनल रेल एंड ट्रांसपोर्टेशन इंस्टीट्यूट (एनआरटीआई) ने 7 नए पाठ्यक्रम लांच किए हैं। जिसमें स्नातक स्तर के 2 बी.टेक, 2 एमबीए और 3 एमएससी पाठ्यक्रम शामिल हैं, जो रेलवे के प्रमुख क्षेत्रों की मांग पूरा करेंगे।
इसी तरह रेल इंफ्रास्ट्रक्टचर, सिस्टम और संचार इंजीनियरिंग के लिए 2 बी.टेक कार्यक्रम लांच किए गए हैं । जबकि एमबीए पाठ्यक्रम ट्रांसपोर्टेशन और सप्लाई चेन प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए लांच किए गए हैं। जिनकी आने वाले समय में सबसे ज्यादा मांग होने वाली है। एमएससी, सिस्टम इंजीनियरिंग और इंटीग्रेशन पाठ्यक्रम के लिए प्रतिष्ठित यूनाइटेड किंगडम के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से साझेदारी की गई है। इसके जरिए पाठ्यक्रम के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुभव मिलेंगे।
भारत में इस तरह के पाठ्यक्रम पहली बार किसी संस्थान में चलाए जाएंगे। जो कि कंटेट के हिसाब से एकदम अलग होंगे। यह पाठ्यक्रम अंतरविषय और एप्लीकेशन आधारित होंगे।
इस मौके पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ श्री वी.के.यादव ने कहा “ट्रांसपोर्ट सिस्टम में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए हमने अंतरविषय दृष्टिकोण को अपनाया है। इसके जरिए अकादमीशियन, वैज्ञानिक, इंजीनियर और दूसरे विशेषज्ञ एक प्लेटफॉर्म पर आकर आपसी साझेदारी को बढ़ाएंगे।” इस तरह के पाठ्यक्रम का मकसद राष्ट्र निर्माण, इन्नोवेशन के प्रति प्रतिबद्धता, अकादमिक दक्षता और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी जैसे मूल्यों को स्थापित करना है। इसके जरिए रेलवे में प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा। भारतीय रेलवे इन पाठ्यक्रमों को लागू करने का मुख्य केंद्र होगा। यह पाठ्यक्रम छात्रों के साथ-साथ उसके शिक्षकों को व्यवहारिक अनुभव दिलाने में भी अहम भूमिका निभाएगा। इस खासियत के जरिए विश्वविद्यालय को अलग पहचान मिलेगी। जिसमें व्यवहारिक और एप्लीकेशन आधारित दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही जो छात्र यहां से पढ़कर निकलेंगे वह अपने अनुभवों से राष्ट्रनिर्माण में एक अहम योगदान करेंगे।
एनआरटीआई पाठ्यक्रम की विशेषताएं
क्र.संख्या | पाठ्यक्रम | अवधि | विशेषताएं |
1. | ट्रांसपोर्ट प्रबंधन में एमबीए | 3 वर्ष |
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2. | ट्रांसपोर्टेशन तकनीकी में बीएससी | 3 वर्ष |
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3. | रेल इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग में बी.टेक | 4 वर्ष |
इस पाठ्यक्रम का प्रमुख फोकस वाहन सिस्टम डिजाइन, सेतु डिजाइन और ढांचा, सुरक्षा, टिकाऊपन, जियोटेक, रेलवे विद्युतीकरण, और रेलवे के लिए एचवीएसी सिस्टम विकसित करना है। |
4. | रेल सिस्टम एवं संचार इंजीनियरिंग में बी.टेक |
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इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य रेल सिस्टम और संचार तकनीकी में भविष्य के कौशल विकिसित करना है।
इस पाठ्यक्रम में रेलवे कंट्रोल सिस्टम इंजीनियरिंग, कंप्यूटर नेटवर्किंग एवं प्रबंधन, मोबाइल संचार, यात्री सूचना प्रणाली, बिग डाटा एवं डाटा एनॉलिटिक्स और ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड मशीन लर्निंग पर जोर रहेगा। |
5. | ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट में एमबीए | 2 वर्ष |
v इस पाठ्यक्रम का प्रमुख जोर ट्रांसपोर्ट सिस्टम में आए निवेश का प्रबंधन, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट मॉडल की डिजाइन विकसित करना, ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम का पर्यावरण का असर, ट्रैफिक प्रबंधन और नियंत्रण पर जोर देना है। |
6. | सप्लाई चेन प्रबंधन में एमबीए | 2 वर्ष | V कार्यक्रम का उद्देश्य डिजाइन क्षेत्र में प्रबंधन और एनॉलिटिकल कौशल विकसित करना, सप्लाई चेन में समन्वय बढ़ाने और इंटीग्रेशन पर जोर देने पर होगा। जिससे कि बिजनेस में प्रतिस्पर्धा बढ़ने और इन्नोवेशन के जरिए नए सॉल्यूशन विकसित हो सके।
V पाठ्यक्रम के तहत लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग सिस्टम, सप्लाई चेन रणनीति, माल ट्रांसपोर्टेशन और राजस्व प्रबंधन पर जोर देना है। . |
7. | एमएससी, सिस्टम इंजीनियरिंग और इंटीग्रेशन पाठ्यक्रम के लिए प्रतिष्ठित यूनाइटेड किंगडम के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से साझेदारी की गई है। | 2 वर्ष |
V इस पाठ्यक्रम के तहत रेलवे इंजीनियरिंग क्षेत्र में कौशल विकास करना है। इसके अलावा सिस्टम इंटीग्रेशन कौशल, और सबसिस्टम के जटिल चीजों को भी समझने में मदद करना है।
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8. | ट्रांसपोर्ट तकनीकी और नीति में एमएससी | 2 वर्ष |
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9. | ट्रांसपोर्ट इंफॉर्मेशन एंड एनॉलिटिक्स में एमएससी | 2 वर्ष | आधुनिक सूचना तंत्र, डाटा विज्ञान, ट्रांसपोर्टेशन के संबंध में डाटा एनॉलिटिक्स का पाठ्यक्रम तैयार करने पर जोर रहेगा।
पाठ्यक्रम का प्रमुख जोर डाटा मॉडल्स और फैसले, सूचना नीति, बिग डाटा और नेटवर्क सिद्धांत को अंतरविषय के रूप में विकिसत करना है |