नैनीताल: उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की 20 स्थापना दिवस जिले भर में पूरे हर्ष उल्लास के साथ मनाया। मुख्य कार्यक्रम नैनीताल में आयोजित किये गये। सर्वप्रथम प्रातः 9 बजे शहीद राज्य आल्दोलनकारी स्मारक जू-रोड पर जिलाधिकारी श्री सविन बंसल, एसएसपी सुनील कुमार मीणा व अन्य गणमान्य नागरिकों ने श्रद्धासुमन अर्पित किये। इसके उपरान्त डीएसए मैदान में आयोजित विकास मेले एवं प्रर्दशनी का शुभारम्भ फीता काट कर सचिव मुख्यमंत्री एवं आयुक्त कुमाऊँ मण्डल श्री राजीव रौतेला ने किया। उद्घाटन के उपरान्त विकास प्रदर्शनी का स्टाॅलों का निरीक्षण भी किया व बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं के कार्यक्रम के अन्तर्गत फ्लैट्स व रिक्शा स्टैण्ड में बनाई जा रही वाॅल पेंटिंग का भी निरीक्षण किया।
अपने सम्बोधन में सचिव मुख्यमंत्री एवं आयुक्त श्री रौतेला ने 20वे राज्य स्थापना दिवस पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि इस पावन अवसर पर मैं राज्य निर्माण के सभी ज्ञात-अज्ञात अमर शहीदों एवं शहीद आन्दोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूॅ। मैं राज्य एवं मण्डल के सभी नागरिकों का भी अभिनन्दन करता हूॅ, जिन्होंने 19 वर्ष की विकास यात्रा में उत्तराखण्ड को विशिष्ट पहचान दिलाने में योगदान दिया है।
श्री रौतेला ने कहा कि विगत 19 वर्षों में उत्तराखण्ड ने देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। सभी उत्तराखण्ड वासियों की दृढ़ संकल्प शक्ति से राज्य ने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है और विकास की बुलन्दियों को छुआ है। आज उत्तराखण्ड देश के अग्रणीय राज्यो में अपना स्थान बना चुका है। मौजूदा दौर में हमारे सामने बहुत सी चुनौतियाॅ भी हैं, सच्चे मायने में विकास के लिए आर्थिक प्रगति व सामाजिक प्रगति का लाभ दूर-दराज के गाॅवों में रहने वाले साधनहीन लोंगों तक पहुॅचाना होगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि विकास की रोशनी दूर-दराज ईलाको में रह रहे गरीबों के घरों तक पहुॅच सके।
क्षेत्रीय विधायक संजीव आर्य ने अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए राज्य आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि हमने विगत 19 वर्षों में बहुत कुछ पाया है और बहुत कुछ पाना शेष है। हम सब को मिलकर प्रदेश व देश को आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि राज्य स्थापना दिवस के पावन अवसर पर आईये हम सब संकल्प लें कि हर व्यक्ति प्रदेश और देश के समग्र विकास और खुशहाली के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देगा। यही शहीद राज्य आन्दोलनकारियों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आईये हम विकसित और खुशहाल उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के लिए सदैव तत्पर रहें तथा उत्तराखण्ड प्रदेश के समग्र विकास के लिए आगे आयें।
कार्यक्रम में सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के कलाकारों के द्वारा कुमाऊँ एवं गढ़वाली लोक लोक संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों द्वारा सूचना एंव लोक सम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित ’’उत्तराखण्ड प्रगति पथ पर’’ नामक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने पर एसीएमओ डाॅ.रश्मि पन्त, डाॅ.अरूण जोशी, डाॅ.बलवीर सिंह, एपीडी संगीता आर्या, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट, प्रोवेशन अधिकारी व्योमा जैन, शिक्षक ताहिर हुसैन, कमला भट्ट, राजेन्द्र चन्द पाण्डे, स्वच्छ भारत अभियान में देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय की एनएसएस टीम को, बालिका रेस में ज्योति फत्र्याल, ज्योति बिष्ट, हेमा बिष्ट, बालक वर्ग में तुषार नेगी, विवेक कुमार, अंकेश राज, महिला वर्ग में नमित राणा, हीरा राणा, सुमन राणा, पुरूष वर्ग में जितेन्द्र, ललित मोहन पन्त को प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। स्वीप लघु फिल्म कार्यक्रम में स्थान प्राप्त करने वाले आकाश नेगी, मदन मेहरा, वैभव जोशी, गीत में नितेश बिष्ट, सुरेन्द्र कुमार, डाॅ.मनोज बिष्ट को चैक व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में राज्य आन्दोलनकारी राजीव लौचन शाह, पान सिंह रौतेला, डीडी रूबाली द्वारा भी सम्बोधित किया गया। कार्यक्रम में निर्वाचन, पर्यटन, उरेडा, बाल विकास, चिकित्सा, पशुपालन, कृषि, उद्यान, मत्स्य, रेशम, उद्योग, शिक्षा, ग्राम्य विकास, दुग्ध विकास, चाय, राजस्व विभाग, सहित स्वयं सहायता समुहो द्वारा स्टाॅल लगाए गए।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी सविन बंसल, मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार, अपर जिलाधिकारी एसएस जंगपांगी, कैलाश सिंह टोलिया, सीएमओ डाॅ.भारती राणा, परियोजना निदेशक बालकृष्ण, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता, उपजिलाधिकारी विनोद कुमार, के अलावा राज्य आन्दोलनकारी मनोज जोशी, रईस भाई, पूरन मेहरा, कुन्दन नेगी, पप्पन जोशी, खष्टी बिष्ट सहित अनेक राज्य आन्दोलनकारी एवं क्षेत्रीय जनता व गणमान्य नागरिक मौजूद थे।