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वर्ष 2015-16 में 80 लाख पशुओं की नस्ल सुधारने का लक्ष्य निर्धारित

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पशुओं की नस्ल सुधारने के लिये कृत्रिम गर्भाधान योजना चलाई जा रही है। इस योजना में वर्ष 2015-16 में 80 लाख पशुओं की नस्ल सुधारने का लक्ष्य रखा गया है।

यह जानकारी पशुधन मंत्री श्री राजकिशोर सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि हमारा राज्य पशुधन विकास के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। यहां पर देश का 10.5 प्रतिशत गोवंश एवं 27 प्रतिशत महिषवंश है, वर्ष 2013-14 में 241.938 लाख मीट्रिक टन दुग्ध उत्पादन कर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है लेकिन प्रति पशु उत्पादकता प्रदेश में कम है।
पशुधन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में देशी गायों की उत्पादकता 2.5 किग्रा0 दुग्ध प्रतिदिन प्रति गाय है जबकि पंजाब एंव हरियाणा में उत्पादकता दो गुनी है। इसी प्रकार भैंसो की उत्पादकता प्रदेश में 4.4 किग्रा दुग्ध प्रतिदिन प्रति भैंस है जबकि पंजाब हरियाणा तथा अन्य राज्यों में उत्पादकता डेढ़ गुना ज्यादा है इसका मुख्य कारण प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त पशुओं का न होना है।
पशुधन मंत्री ने बताया कि उत्पादकता बढ़ाने के लिए उच्च नस्ल के अधिक से अधिक पशु इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि उच्च गुणवत्ता के 100 दुधारू पशुओं (गाय/भैंस/प्रति यूनिट स्थापित करने हेतु कामधेनु  योजना तथा 50 दुधारू पशुओं की मिनी कामधेनु योजना चलाई जा रही है। इसके साथ ही 25 दुधारू पशुओं की माइक्रो कामधेनु योजना चलाया जाना भी प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं द्वारा प्रदेश में प्रतिदिन 20 लाख लीटर अतिरिक्त दुग्ध का उत्पादन किया जा सकेगा।

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