नई दिल्ली: वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत रिकॉर्ड 47,350 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया। पिछले सात वर्षों में किसी एक वर्ष में पीएमजीएसवाई के तहत सड़क निर्माण में यह सबसे उच्च्तम है। पीएमजीएसवाई के तहत वित्तीय वर्ष 2013-14 में 25,316 किलोमीटर, 2014-15 में 36,337 किलोमीटर तथा 2015-16 में 36,449 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया।
ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह बताया गया कि 2011 से 2014 के दौरान पीएमजीएसवाई के तहत औसत 73 किलोमीटर सड़क प्रतिदिन बन रहा था जो 2014-15 और 2015-16 में बढ़कर 100 किलोमीटर प्रतिदिन हो गया। 2016-17 में यह दर बढ़कर 130 किलोमीटर प्रतिदिन हो गया जो अब तक में सात वर्षों में सबसे ज्यादा है।
विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि 2016-17 में पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित 47,350 किलोमीटर सड़क से 11,614 बस्तियों (प्रतिदिन औसतन 32 बस्तियों से संपर्क प्रदान किया गया) का सड़क मार्ग से संपर्क स्थापित हो गया है। पीएमजीएसवाई के तहत पिछले सात वर्षों में 11,606 सबसे ज्यादा बस्तियों को सड़क मार्ग से जोड़ा गया है।
ग्रामीण सड़कों के निर्माण में “कार्बन निशान” को कम करने के लिए, पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए, काम में वृद्धि और लागत प्रभावशीलता लाने के लिए पीएमजीएसवाई के तहत सड़कों के निर्माण में हरित प्रौद्योगिकी और गैर-परंपरागत सामग्री जैसे बेकार प्लास्टिक, कोल्ड मिक्स, जियो-टेक्सटाइल्स, फ्लाई ऐश, लौह और ताम्र स्लैग आदि के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित किया गया क्योंकि यह स्थानीय रूप से उपलब्ध थी। हरित प्रौद्योगिकी के तहत 2016-17 में 4113.13 किलोमीटर पीएमजीएसवाई सड़क का निर्माण किया गया था। जबकि 2014-16 में 2634.02 किलोमीटर और 2000-2014 तक में 806.93 किलोमीटर का लक्ष्य हासिल किया गया।
गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, पीएमजीएसवाई के कार्यों का निरीक्षण राष्ट्रीय गुणवत्ता निगरानी (एनक्यूएम) द्वारा बढ़ाए गए थे। एनक्यूएम द्वारा 2016-17 में 7597 निरीक्षण किए गए जबकि 2015-16 में 6516, 2014-15 में 5226 और 2013-14 में 2,977 निरीक्षण किए गये। 2015-16 में 7597 निरीक्षित किए गये कार्यों में सिर्फ 8.21 प्रतिशत ही “असंतोषजनक पाए गये।”