नई दिल्ली: भारत और ब्रिटेन ने आज नई दिल्ली में अपनी संयुक्त पहल ‘शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार का ब्रिटेन-भारत वर्ष:2016’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री
श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने छात्रों और फेकल्टी के एक दूसरे के देशों में आने-जाने के महत्व को रेखांकित करते हुए उम्मीद जताई कि जीआईएएन कार्यक्रम के अंतर्गत 2016 में ब्रिटेन से और शिक्षाविद् भारत आएंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आईएमपीआरआईएनटी (प्रभावी अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी) के अंतर्गत 10 अनुसंधान के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से आपसी हित के क्षेत्रों में अनुसंधान बढ़ेगा। मंत्री महोदाया ने कहा कि वह चाहती हैं कि भारत और ब्रिटेन के स्कूली छात्रों विशेष रूप से नवोदय विद्यालय जैसे सरकारी स्कूलों के बच्चों के बीच साझेदारी और संपर्क बढ़े।
ब्रिटेन के कारोबार नवाचार और कौशल मंत्री श्री साजिद जाविद ने अपने वक्तव्य में कहा कि उन्हें यूकेआईईआरआई-3 के शुभारंभ से काफी उम्मीदें हैं, जिसके तहत कई कार्य किये जाएंगे। उन्होंने संभावना व्यक्त की कि अगले दो वर्ष में ब्रिटेन से जीआईएएन के अंतर्गत 100 शिक्षाविद और अगले 5 वर्ष के दौरान ब्रिटेन से 25 हजार छात्र भारत आएंगे।
यह बताना उचित है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पिछले महीने की ब्रिटेन यात्रा के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से यह घोषणा की थी कि वर्ष 2016 शिक्षा, विज्ञान और अनुसंधान का ब्रिटेन-भारत वर्ष होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने वर्तमान सहयोग की समीक्षा की और शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार वर्ष के तहत संभावित क्षेत्रों की पहचान की। ब्रिटेन के कारोबार नवाचार और कौशल मंत्री श्री साजिद जाविद और विश्वविद्यालय तथा विज्ञान मंत्री श्री जो जॉनसन ने भारत का दौरा किया।
ब्रिटेन-भारत शिक्षा और अनुसंधान पहल का तीसरा चरण (यूकेआईईआरआई-3) एक अप्रैल 2016 को शुरू होगा। ‘शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार वर्ष’ के शुभारंभ के अवसर पर ब्रिटेन के विश्वविद्यालय और विज्ञान मंत्री श्री जो जॉनसन, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. आर.एस. कठेरिया और दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी तथा शिक्षाविद उपस्थिति थे।