नई दिल्ली: जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत जल सप्ताह का चौथा संस्करण 04 अप्रैल से 08 अप्रैल, 2016 तक आयोजित करेगा। आज नई दिल्ली में इसकी घोषणा करते हए केंद्रीय जल
संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा कि इस वर्ष के भारत जल सप्ताह का विषय ‘सबके लिए जल : सम्मिलित प्रयास’ है। उन्होंने बताया कि इस्राइल भागीदार देश के रूप में इस विशाल आयोजन से संबद्ध होगा।
सुश्री भारती ने कहा कि भारत जल सप्ताह के पहले दिन उद्घाटन सत्र के बाद पूर्ण सत्र और राज्यों के जल संसाधन मंत्रियों की बैठक होगी। भारत समेत करीब 20 देशों के 1500 प्रतिनिधि इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री ने कहा कि इस आयोजन को संगोष्ठियों (8), विचारोत्तेजक सत्रों (6), पैनल चर्चाओं (7), केस स्टीडीज (6) और आयोजन से इतर कार्यक्रमों (5) में बांटा गया है। ये कार्यक्रम आईटीपीओ, प्रगति मैदान में आयोजित होंगे। इसके अलावा प्रगति मैदान के हॉल नम्बर-9 में ‘वॉटर एक्सपो-2016’ का आयोजन किया किया जा रहा है, जिसमें जल संसाधन क्षेत्र की प्रौद्योगिकियों और समाधानों को प्रदर्शित किया जाएगा।
सुश्री भारती ने कहा कि यह एक बहु-विषयक सम्मेलन होगा, जिसमें प्रदर्शनी के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ जल संबंधी विभिन्न विषयों पर संवाद होगा। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रतिनिधि जल संसाधनों के कारगर प्रबंधन के क्षेत्र में इस्राइल के अनुभवों के साथ ही साथ अन्य राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अनुभवों से भी लाभान्वित होंगे। बहुत से प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठन, शोध संस्थान, शैक्षिक संस्थान और जल संसाधन, कृषि, बिजली आदि क्षेत्रों से संबंधित गैर सरकारी संगठन अपने ज्ञान एवं अनुभव को साझा करने के लिए इस आयोजन में भाग ले रहे हैं। जल के सबसे महत्वपूर्ण हितधारक अर्थात देश के विभिन्न हिस्सों के किसान भी सहभागितापूर्ण सिंचाई प्रबंधन से संबंधित (आईएनपीआईएम) कार्यक्रम के अंतर्गत इस विशिष्ट आयोजन में भाग लेंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने कहा कि बहु-विषयक संवाद महत्वपूर्ण पहलों और (ए) जल और स्वास्थ्य- जल की गुणवत्ता का प्रबंधन, (बी) कृषि और सिंचाई, (सी) जल और बिजली-पन और तापीय, (डी) औद्योगिक जल दक्षता, (ई) ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए जल आपूर्ति और स्वच्छता, (एफ) पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और जल संसाधन क्षेत्र जैसे अन्य महत्वपूर्ण विषयों के अलावा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई), जल क्रांति अभियान, प्रति बूंद अधिक फसल, नदियों को जोड़ना आदि जैसे प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों की ओर ध्यान आकृष्ट करेंगे। इस संदर्भ में सुश्री भारती ने फरवरी, 2016 में आयोजित जल मंथन-2 कार्यक्रम का उल्लेख किया।
सृजित की गई सिंचाई की संभावनाओं और उपयोग में लाई गई सिंचाई की संभावनाओं के बीच मौजूद खामियों को दूर करने, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 89 एआईबीपी परियोजनाओं की फास्ट ट्रैकिंग, भू-जल संरक्षण एवं संवर्द्धन, राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना आदि जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर भी विस्तार से चर्चा होगी।
भागीदार देश इस्राइल अलग से दो सत्रों का आयोजन करेगा- (1) मौजूदा कमांड में सूक्ष्म सिंचाई की भूमिका और (2) भारत में इस्राइल निर्मित सीओई (सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस) और व्यावसायिक सफलता की गाथाएं, जल प्रबंधन। इंटरनेशनल कमीशन फॉर इरिगेशन एंड ड्रेनेज (आईसीआईडी) ने भारत जल सप्ताह- 2016 के अंग के रूप में ‘भारत सिंचाई मंच, 2016’ का भी आयोजन करेगा। यह इस श्रृंखला की पहली कड़ी होगा।
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार जल से संबंधित मामलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए वर्ष 2012 से एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन के रूप में भारत जल सप्ताह का आयोजन करता आ रहा है। अब तक वर्ष 2012, 2013 और 2015 में तीन भारत जल सप्ताह आयोजित किए जा चुके हैं।