21 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

2016 में भारत में नारियल अनुसंधान के 100 साल पूरे हो रहे हैं: श्री राधा मोहन सिंह

कृषि संबंधितदेश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि कृषि का चौतरफा विकास और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की प्राथमिकताओँ में सबसे ऊपर है। श्री राधा मोहन सिंह ने यह बात भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – केंद्रीय रोपण फसल अनुसंधान संस्थान, कायंकुलम, केरल में नारियल क्षेत्र की संभावनाओं पर हुए राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते कही। यह सम्मेलन भारत में नारियल अनुसंधान के शताब्दी वर्ष समारोह के तहत अयोजित की गयी थी।

केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि कृषि से जुड़े ढांचागत सुविधाओं का विकास, किसानों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, कृषि से रोजगार सृजन, पोषण और देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत करने के लिए कृषि का चहुंमुखी विकास किया जा रहा है। कृषि के एकीकृत विकास और कृषि उपज की उचित मार्केटिंग के जरिए किसानों को समृद्ध बनाने के प्रयास तेज कर दिए गये हैं। श्री सिंह ने कहा कि कुपोषण और भुखमरी दूर करने के लिए सरकार स्वयं को किसानों को एक सार्थक साझीदार के रुप में देखती है।

श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि 2016 में भारत में नारियल अनुसंधान के 100 साल पूरे हो रहे है। कायंकुलम के इस संस्थान की स्थापना सन 1916 में नारियल अनुसंधान केन्द्र के नाम से कासरगोड़ में हुई थी। 1970 में इसे केन्द्रीय रोपण फसल अनुसंधान संस्थान के रूप में समुन्नत किया गया। श्री सिंह ने कहा कि कासरगोड़ स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद– केंद्रीय रोपण फसल अनुसंधान संस्थान इस वर्ष अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूरे कर रहा है।

केंद्रीय कृषि एंव कल्याण मंत्री ने जानकारी दी कि केरल में नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। कोचीन में नारियल विकास बोर्ड का मुख्यालय स्थापित किया गया है। नारियल बोर्ड ने केरल में किसानों की भरपूर मदद की है। नारियल प्रोद्योगिकी मिशन के अंतर्गत लगभग 402 नारियल प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना हुई है, जिनमें प्रति वर्ष 242 करोड़ नारियल का प्रसंस्करण किया जाता है। देश में अब तक कुल 61 नारियल उत्पादक कंपनियां गठित की गई हैं जिनमें से 29 केवल केरल में स्थित हैं।

श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने मिलिंग कोपरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य रु. 5550 से बढ़ाकर रु. 5950 तथा बाल कोपरा का रु. 5830 से बढ़ाकर रु. 6240 कर दिया है । इसके अतिरिक्त सरकार ने नारियल उत्पादों को बढ़ाने के लिए ताड़ तेल के आयात शुल्क में वृद्धि कर दी है। इससे भारत में ताड़ तेल महंगा पड़ेगा और नारियल तेल की मांग बढ़ जाएगी । नारियल में मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) कर नारियल किसानों को समृद्धि की ओर ले जाया सकता है ।

श्री सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उठाए गये कदमों के चलते, इस वित्त वर्ष में भारत से मलेशिया, इन्डोनेशिया तथा श्रीलंका को नारियल के तेल का निर्यात किया जाने लगा है जबकि पिछले वर्षों में इन्हीं देशों से भारत में नारियल तेल का आयात किया जाता था । इसी तरह पहली बार भारत से अमेरिका एवं यूरोप को सूखे नारियल का निर्यात किया जाने लगा है।

केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री ने इस मौके पर केरल में जैविक खेती और मसाले से जुड़ी फसलों को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार की मदद का जिक्र किया और कहा कि केन्द्र सरकार राज्य में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए कटिबद्ध है।

श्री राधा मोहन सिंह ने शताब्दी वर्ष समारोह के मौके पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की सराहना की और वहां आयोजित किसान मेला में हिस्सा लिया। श्री सिंह ने उम्मीद जताई कि नारियल अनुसंधान एवं विकास पर शोधकर्ता और हितधारक आपस में मिल बैठकर चर्चा करेंगे और राज्य में नारियल की खेती को और आगे ले जाएंगे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More