नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्रालय में एडीजी (मीडिया) श्री राजीव जैन ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की इस लड़ाई का समर्थन करने के लिए देश के दूरदराज हिस्सों में आवश्यक चिकित्सा कार्गो परिवहन के लिए लाइफलाइन उडान पहल करने हेतु महत्वपूर्ण हितधारकों के साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कोर समूह का गठन किया गया था और 26 मार्च 2020 से हब तथा स्पोक लाइफलाइन सेवाएं शुरू की गईं। आज एक प्रेस वार्ता के दौरान, श्री राजीव जैन ने लॉकडाउन अवधि के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा लाइफलाइन उडान पहल का अवलोकन प्रस्तुत किया और बताया कि एयर इंडिया, अलायंस एयर, आईएएफ और निजी विमान सेवाओं द्वारा लाइफलाइन उडान के तहत 247 उड़ानें संचालित की गई हैं। इनमें से 154 उड़ानें एयर इंडिया और एलायंस एयर द्वारा संचालित की गई हैं। अब तक भेजे गए कार्गो 418 टन से अधिक है। लाइफलाइन उडान ने अब तक की 2.45 लाख किलोमीटर से अधिक की हवाई दूरी तय की है।
एयर इंडिया, अलायंस एयर, आईएएफ और निजी विमान वाहक पूर्वोत्तर क्षेत्रों, द्वीप समूह क्षेत्रों और पहाड़ी राज्यों पर विशेष ध्यान देते हुए चिकित्सा आपूर्ति सहित आवश्यक वस्तुओं को वितरित करने के लिए उड़ानों का संचालन कर रहे हैं। एयर इंडिया और आईएएफ ने मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पूर्वोत्तर और अन्य द्वीप क्षेत्रों के लिए कार्य कर रहे हैं। पवन हंस लिमिटेड सहित अन्य की हेलीकॉप्टर सेवाएं द्वारा जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में चिकित्सा कार्गो और रोगियों के लिए परिचालन कर रही हैं।
अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में दवाईयों, चिकित्सा उपकरण और कोविड-19 राहत सामग्री के परिवहन के लिए 4 अप्रैल 2020 से चीन के साथ एक एयर-ब्रिज की स्थापना की गई है। दक्षिण एशिया के लिए, एयर इंडिया कोलंबो में चिकित्सा आपूर्ति कर रही है।
एयर इंडिया ने 13 अप्रैल 2020 को मुंबई और लंदन के बीच कृषि उडान कार्यक्रम के तहत पहली उड़ान का संचालन किया और 29 टन फलों और सब्जियों को लंदन ले गया और 15.6 टन सामान्य कार्गो सामग्री के साथ वापस लौटा। एयर इंडिया ने 15 अप्रैल 2020 को मुंबई और फ्रैंकफर्ट के बीच कृषि उडान कार्यक्रम के तहत दूसरी उड़ान का संचालन किया और 27 टन फलों और सब्जियों को फ्रैंकफर्ट ले गया और 10 टन सामान्य कार्गो सामग्री के साथ वापस लौटा।