नई दिल्ली: मणिपुर की राजधानी इम्फाल में 23 से 25 नवंबर तक आयोजित आठवे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट-2019 में 19 देशों के 34 विदेशी प्रतिनिधि देश के घरेलू पर्यटन उद्योग के 49 प्रतिनिधियों के साथ शिरकत कर रहे हैं।
मार्ट के दूसरे दिन का आरंभ आज पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा तथा सिक्किम के पर्यटन विभागों की ओर से दी गई प्रस्तुतियों के साथ शुरु हुआ जिसमें इन राज्यों ने अपने पर्यटन स्थलों की जानकारी दी।
प्रस्तुति के बाद भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की अवर महानिदेशक श्रीमती रूपिंदर बरार की ओर से एक पैनल चर्चा आयोजित की गई। चर्चा में घरेलू टुअर आपरेटरों के संघ की ओर से श्री चेतन गुप्ता,पूर्वात्तर क्षेत्र के जाने माने टूअर आपरेटर श्री अजित पुरकायस्थ तथा एडवेंचर टुअर आपेरटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कैप्टन स्वदेश कुमार ने हिस्सा लिया और टिकाऊ पर्यटन: आर्थिक विकास और रोजगार का इंजन विषय पर चर्चा की।
पर्यटन मार्ट में पूर्वोत्तर राज्यों के पर्यटन विभागों द्वारा लगायी गई एक प्रदर्शनी प्रमुख आकर्षण रही। इस प्रदर्शनी में पूर्वोत्तर क्षेत्र के खूबसूरत हस्तशिल्प ,हथकरघा और पर्यटन से जुड़े उत्पादों प्रदर्शित किए गए थे। इन उत्पादों ने मार्ट में हिस्सा लेने आए देशी और विेदशी सभी प्रतिनिधियों को मंत्रमुग्ध किया।
मध्य प्रदेश को मणिपुर का जोड़ा राज्य बनाए जाने के कारण उसे “एक भारत श्रेष्ठ भारत” पहल के तहत अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट 2019 में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। ऐसे में मध्यप्रदेश के 150 स्थानीय विश्वविद्यालय और कॉलेज के छात्रों के एक समूह ने अपने राज्य के पर्यटक आकर्षणों, मेलों और त्यौहारों, हस्तशिल्प, संस्कृति, ऐतिहासिक स्मारक, खान-पान, वन्य जीवन और साहसिक पर्यटन आदि से जुड़ी गतिविधियों पर दिलचस्प प्रस्तुति दी। इस दौरान गोंड जनजाति के एक कलाकार ने पारंपरिक गोंड चित्रकारी का हुनर दिखाया।
पर्यटन मार्ट के दूसरे दिन अंतरराष्ट्रीय तथा घरेलू खरीदारों के साथ पूर्वोत्तर के विक्रेताओं की व्यावसायिक बैठकें भी हुईं।
इसके बाद मार्ट में हिस्सा लेने आए सभी प्रतिनिधियों ने शाम को भाग्यचंद्र ओपन थियेटर में आयोजित संगई महोत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन बिरेन सिंह ने आसियान देशों के आठ राजदूतों की मौजूदगी में किया। इस दौरान मणिपुर की संस्कृति से जुड़े रंगारंग कार्यक्रम पेश किए गए। कार्यक्रम का समापन राज्यपाल की ओर से आयोजित रात्रि भोज के साथ हुआ।