नई दिल्ली: चीन में स्थित भारतीय दूतावास, स्टार्ट-अप इंडिया संघ (एसआईए) और वेंचर गुरुकुल के सहयोग से पेईचिङ में 12 नवंबर, 2018 को दूसरी स्टार्ट-अप इंडिया निवेश गोष्ठी का आयोजन कर रहा है। इसका उद्देश्य भारतीय युवाओं में नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देना है। पहला स्टार्ट-अप इंडिया निवेश कार्यक्रम नवंबर, 2017 में आयोजित किया गया था।
आयोजन के तहत चीन की उद्यम पूंजी और निवेशकों को भारत के स्टार्ट-अप से परिचित कराने का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है, ताकि भारतीय स्टार्ट-अप को अपनी कंपनियों के लिए चीन के निवेशकों तक पहुंचने का अवसर मिले। 20 भारतीय स्टार्ट-अप से जुड़े 42 भारतीय उद्यमियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया और चीन के निवेशकों से अपनी कंपनियों में निवेश करने के लिए संपर्क किया। गोष्ठी और परिचय सत्रों में चीन के 350 से अधिक उद्यम पूंजी निधियों और निजी निवेशकों ने हिस्सा लिया।
पहली स्टार्ट-अप इंडिया निवेश गोष्ठी में 12 भारतीय स्टार्ट-अप ने हिस्सा लिया था, जिनमें से 4 स्टार्ट-अप को चीन की उद्यम पूंजी की तरफ से 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ था। मौजूदा दौर में 20 भागीदारों में से 8 स्टार्ट-अप को लगभग 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश मिलना तय है।
आईसीबीसी इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री चङ पिन ने भारत में आईसीबीसी के अनुभव साझा किए और भारतीय स्टार्ट-अप इको-प्रणाली का परिचय देते हुए निवेश की प्रक्रिया समझाई। उन्होंने यह भी बताया कि आईसीबीसी इंडिया ने क्षमतावान भारतीय एमएसएमई और उपक्रमों में निवेश के लिए 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की निधि स्थापित की है।
भारतीय स्टार्ट-अप बाजार में चीन की उद्यम पूंजी के प्रवेश के लिए कारगर रणनीति पर विचार करने के संबंध में एक पैनल-चर्चा का भी आयोजन किया गया। चर्चा के दौरान भारतीय स्टार्ट-अप इको-प्रणाली के बारे में अनुभवों को साझा किया गया।