नई दिल्ली: तेज़ी से विकसित हो रहे डिजिटल संचार क्षेत्र के उत्साहजनक भविष्य की झलक दिखाने वाले बड़े आयोजन ‘भारतीय मोबाइल कांग्रेस 2018’ (आईएमसी) का आज समापन हो गया, जहां प्रतिभागियों और आयोजकों ने वादा किया कि वे अगले साल फिर लौटेंगे। इस साल के आयोजन का विषय “नए डिजिटल क्षितिज – जुड़ाव, सृजन और नवीनता” रखा गया जिसने भारतीय मोबाइल कांग्रेस को डिजिटल संचार क्षेत्र के वैश्विक और स्थानीय साझेदारों के लिए एक नियमित मंच के तौर पर स्थापित किया जहां वे दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया पर विशेष ध्यान देते हुए अवसर तलाशने और संभावनाओं का लाभ लेने के लिए साथ सहयोग कर सकें।
संचार राज्या मंत्री (स्वकतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हाश ने भारतीय मोबाइल कांग्रेस 2018 के अंतिम दिन मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा – “इस साल बार्सेलोना में विश्व मोबाइल कांग्रेस में हिस्सा लेने के बाद मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि अपने तत्व, दायरे और स्टाइल में भारतीय मोबाइल कांग्रेस 2018 कहीं से भी कम नहीं है। भारतीय मोबाइल कांग्रेस सिर्फ दो वर्ष का शिशु है लेकिन इतने समय में ही इसने अपना खुद का व्यक्तित्व बना लिया है। अब हर किसी के कैलेंडर में ये एक महत्वपूर्ण वार्षिक आयोजन होगा।”
तीन दिनों के इस बड़े कार्यक्रम का उद्घाटन 25 अक्टूबर को केन्द्रीलय वाणिज्यश एंव उद्योग तथा नागर विमानन मंत्री श्री सुरेश प्रभु, केंद्रीय विधि एवं न्याय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद, आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा ने किया। उद्घाटन कार्यक्रम में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी, आदित्य बिरला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला और भारती एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल जैसे दूरसंचार उद्योग के जाने-माने लोग भी मौजूद थे।
भारतीय मोबाइल कांग्रेस 2018 सम्मेलन और प्रदर्शनी का आयोजन 50,000 वर्ग मीटर से भी ज्यादा बड़े क्षेत्र में किया गया जहां 5,000 से भी ज्यादा प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में 20 देशों से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और 300 से ज्यादा कंपनियों ने अपनी नवीनतम और सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकियों, उत्पादों, सेवाओं और एप्लीकेशनों को प्रदर्शित किया। आयोजकों के मुताबिक 50,000 से भी ज्यादा उत्सुक आगंतुकों ने विभिन्न सत्रों में हिस्सा लिया और प्रदर्शनी में स्टॉलों पर लगाए गए भविष्य के उपायों को देखा।
इस बार के भारतीय मोबाइल कांग्रेस में एक बेहद प्रासंगिक संयोजन कई आसियान और बिमस्टेक देशों से आए उच्च स्तरीय मंत्रीमंडलीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति का भी रहा। यूरोपीय आयोग, कंबोडिया, म्यांमार, नेपाल और लाओस के माननीय मंत्रीगणों ने अपने-अपने प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करते हुए ऐसे विस्तृत सत्रों में हिस्सा लिया जो इन क्षेत्रीय मंचों के सदस्य देशों पर लागू होने वाले अवसरों, चुनौतियों और विशेष ज़रूरतों पर केंद्रित थे। उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों की उपस्थिति ने उनके लिए अपने भारतीय समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक करने के अवसर भी प्रदान किए जहां पारस्परिक लाभ के विषयों पर बातें की गईं और आपसी सहयोग को मजबूत करने की संभावनाओं को टटोला गया।
वे कंपनियां जिनकी भागीदारी ने भारतीय मोबाइल कांग्रेस 2018 को सफल बनाने में योगदान दिया उनमें सैमसंग, इंटेल, एरिकसन, नोकिया, सिस्को, एनईसी, एक्सेंचर, केपीएमजी, ईएंडवाई, फेसबुक, हुवावेई, स्टरलाइट, वोडाफोन, आइडिया, रिलायंस जियो, एयरटेल और बीएसएनएल जैसी स्थानीय और वैश्विक दिग्गज कंपनियां शामिल थीं। इन कंपनियों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टॉलों ने रुचिकर आगंतुकों की भीड़ को आकर्षित किया, वहीं इन कंपनियों का नेतृत्व कर रहे प्रतिनिधियों ने कई विस्तृत सत्रों में हिस्सा लेते हुए यहां हो रहे विमर्श को समृद्ध किया। यहां प्रदर्शनी में लगे स्टॉलों में कई रोचक संभावनाओं का दायरा पार किया गया। इनमें 5जी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ऑगमेंटेड एवं वर्चुअल रिएलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, स्मार्ट सिटी सॉल्यूशंस, फिनटेक, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, स्वचालित कारें और साइबर सुरक्षा जैसे विषय शामिल थे।
भारतीय मोबाइल कांग्रेस के इस संस्करण में एक रोचक हिस्सा, बेहद महत्वपूर्ण स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र पर दिया गया विशेष ध्यान भी था। इस आयोजन में 200 से ज्यादा स्टार्ट-अप ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। उनके मंडपों पर ऐसे विचार और नवाचार प्रदर्शित थे कि जिनके माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एकीकृत सेवाओं, स्वास्थ्य सेवाओं, दवा, सुरक्षा, भोजन, खेल, सोशल नेटवर्किंग, यात्रा, शिक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे कई क्षेत्रों में तेजी से बदल रही उपभोक्ता आवश्यकताओं को पैदा करने और उनकी पूर्ति करने में डिजिटल संचार की संभावना का लाभ लिया जा सके। जैसे कि श्री मनोज सिन्हा ने भारतीय मोबाइल कांग्रेस 2018 में आज एक साथ 250 स्टार्ट-अप एप्लीकेशन की रिलीज का उद्घाटन करते हुए कहा, “मैं यहां इनकी जो तादाद और गुणवत्ता देख रहा हूं वो अद्भुत है। क्या पता शायद हम अभी भविष्य के वॉट्सएप और गूगल मैप्स को ही रिलीज कर रहे हों।”
ये आयोजन उल्लेखनीय इस लिहाज से भी रहा कि यहां कुछ ऐसी बेहद महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं जिन्होंने बहुत ही स्पष्ट तौर पर भारतीय डिजिटल संचार उद्योग की अगले कई वर्षों की दिशा निर्धारित कर दी। भारत सरकार ने संचार उद्योग द्वारा दिसंबर 2019 तक देश में 10 लाख वाईफाई हॉटस्पॉट लगाने की प्रतिबद्धता की घोषणा की। इस आयोजन में राष्ट्रीय फ्रीक्वेंसी आवंटन योजना (एनएफएपी) का उद्घाटन भी किया। एनएफएपी-2018 में दरअसल वाईफाई सेवाओं के लिए 5-गीगाहर्ट्ज बैंड में कुल 605 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खुला किया जाना है। कम दूरी के उपकरणों और अल्ट्रा वाइड बैंड उपकरणों के लिए कई स्पेक्ट्रम बैंडों को लाइसेंस मुक्त कर दिया गया है जिसका फायदा जनता के साथ साथ इस उद्योग को भी होगा। भारत सरकार में दूरसंचार आयोग की अध्यक्ष एवं सचिव (दूरसंचार) श्रीमती अरुणा सुंदरराजन ने इस मौके पर कहा, “इन पहलों के जरिए ‘सभी के लिए ब्रॉडबैंड’ जैसे लक्ष्यों को हासिल करने के लिए शानदार आधार मिलता है जिन्हें हाल ही में जारी की गई राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति 2018 में रेखांकित किया गया है।”
संचार राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने आखिर में कहा, “माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार डिजिटल संचार को हमारे राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे का केंद्रीय हिस्सा बनाने को लेकर प्रतिबद्ध बनी हुई है। हमने यहां पर जिन पहलों और सुधारों की घोषणा की है उनसे रोजगार निर्माण और डिजिटल आर्थिक गतिविधियों में मजबूत तेजी लाने में मदद मिलेगी, खासकर देश के ग्रामीण और अर्द्ध-ग्रामीण क्षेत्रों में। उद्योगों, शैक्षणिक समुदायों, नियामकों और स्टार्ट-अपों के साथ भागीदारी में अपने प्रयासों को सफल बनाने को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं।”
श्री मनोज सिन्हा ने इस सर्वोत्कृष्ट श्रेणी के कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने और उसे सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए दूरसंचार विभाग और भारतीय सेलुलर ऑपरेटर संघ को शुक्रिया अदा किया।