नई दिल्ली: लाल किले से संबंधित समझौता ज्ञापन (समझौता ज्ञापन) के बारे में हाल ही में मीडिया में प्रसारित की गई कुछ रिपोर्टों के जवाब में, संस्कृति मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सरकार की ‘धरोहर गोद लें’ योजना अच्छा कार्य कर रही है। इस योजना को पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री राघवेंद्र सिंह ने आज कहा कि धरोहर गोद लें’ योजना के तहत तीन समझौता पत्रों पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं और छह अग्रिम चरण में हैं तथा योजना के तहत कवरेज के लिए 31 अन्य आदर्श स्मारक शामिल किए गए हैं। परियोजना का उद्देश्य “उत्तरदायी पर्यटन” को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देने के लिए सभी भागीदारों के बीच तालमेल विकसित करना है।
योजनाओं का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों, निजी क्षेत्र की कंपनियों और कॉर्पोरेट जगत को शामिल कर देश के धरोहर स्थलों का विकास, संचालन और रखरखाव कर पर्यटकों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करना है और संचालन तथा रख-रखाव के माध्यम से हमारी धरोहरों और पर्यटन स्थलों को और अधिक उन्नत बनाने की ज़िम्मेदारी लेना है।
यह परियोजना मुख्य रूप से बुनियादी सुविधाओं को प्रदान करने पर केंद्रित है जिसमें स्वच्छता, सार्वजनिक सुविधाएं, पेयजल, दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों को सुविधा, मानकीकृत संकेत, रोशनी और निगरानी प्रणाली, रात में देखने की सुविधा, पर्यटन सुविधा केंद्र और एक उन्नत पर्यटन का अनुभव प्रदान करना है तांकि इन धरोहर स्थलों के प्रति घरेलू और विदेशी दोनों पर्यटक ज्यादा से ज्यादा आकर्षित हो सकें।