नई दिल्ली: प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को अपने-अपने स्टार्ट-अप परितंत्रों को बढ़ावा देने की ओर सक्रियतापूर्वक कार्य करने के लिए उन्हें प्रेरित करने के उद्देश्य से औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) द्वारा 6 फरवरी, 2018 को ‘राज्य स्टार्ट-अप रैंकिंग फ्रेमवर्क’ लांच किया गया था। इसके तहत राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को एक-दूसरे से अच्छी प्रथाएं अथवा तौर-तरीके सीखने के लिए उन्हें प्रेरित करना भी एक अहम उद्देश्य था।
इसके तहत डीआईपीपी ने पिछले कुछ हफ्तों के दौरान राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ अपना जुड़ाव बढ़ाया, ताकि ‘राज्य स्टार्ट-अप रैंकिंग’ कवायद से जोड़ने में उनकी मदद की जा सके। मार्च और अप्रैल, 2018 में सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ डीआईपीपी द्वारा वीडियो कांफ्रेंस के दो दौर आयोजित किए गए। अपने-अपने क्षेत्रों में स्टार्ट-अप परितंत्र विकसित करने की प्रक्रिया के बारे में राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों को अवगत कराने के लिए तीन ज्ञान आदान-प्रदान कार्यशालाएं देश भर में फैले प्रमुख इन्क्यूबेटरों में आयोजित की गईं। ये कार्यशालाएं 9 अप्रैल, 2018 को हैदराबाद स्थित टी-हब में, 11 अप्रैल, 2018 को अहमदाबाद स्थित आईक्रिएट में और 16 अप्रैल, 2018 को विशाखापत्तनम स्थित सनराइज इन्क्यूबेशन टावर में आयोजित की गईं। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने इन कार्यशालाओं के प्रति काफी उत्साह दिखाया और इनमें बड़ी संख्या में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की।
राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने प्रथम ‘राज्य स्टार्ट-अप रैंकिंग’ कवायद में बड़े उत्साह के साथ भाग लिया है। कुल मिलाकर 30 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने इसमें शिरकत की। जिसके लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल थी। एक उत्साहवर्धक बात यह भी रही कि उन ज्यादातर पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों ने भी इसमें बड़े उत्साह के साथ भाग लिया जहां स्टार्ट-अप परितंत्र अभी उदीयमान या शुरुआती स्थिति में ही है।
‘राज्य स्टार्ट-अप रैंकिंग फ्रेमवर्क’ की लांचिंग से राज्यों की सक्रियता काफी बढ़ गई है और इसके परिणामस्वरूप देश भर में स्टार्ट-अप मुहिम को काफी बढ़ावा मिल रहा है। इस संदर्भ में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों में से कुछ का उल्लेख नीचे किया गया है:
- स्टार्ट-अप नीति की घोषणा
- महिलाओं की अगुवाई वाले स्टार्ट-अप के लिए राज्यों की स्टार्ट-अप नीति में विशेष प्रोत्साहनों की शुरुआत
- राज्य स्टार्ट-अप प्रमुख टीम का गठन
- राज्यों के इन्क्यूबेटरों को वित्तीय सहायता देने का प्रावधान करना