श्रीलंका और जिम्बाब्वे के बीच खेले गए चौथे वनडे में इंद्र देवता की कृपा और डकवर्थ लुईस नियम के तहत जिम्बाब्वे ने बड़ा उलटफेर करते हुए मेजबान टीम को चार विकेट से हरा दिया। बारिश और क्रेग इर्विन (69) के सामने श्रीलंका की एक न चली और 31 ओवरों में जिम्बाब्वे को 219 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला जो उसने 29.2 ओवरों में छह विकेट खोकर हासिल कर लिया। श्रीलंका की तरफ से निरोशन डिकवेला (116) और दानुष्का गुणाथिलका (87) की सलामी जोड़ी ने रिकॉर्ड साझेदारी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में जिम्बाब्वे के सामने 300 रन का लक्ष्य रखा था लेकिन बारिश की खलल के कारण श्रीलंका की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी जिम्बाब्वे ने 21 ओवरों में तीन विकेट खोकर 139 रन बना लिए थे तभी बारिश ने दखल दिया और अंपायरों ने मैच रोकने का फैसला किया
इस समय मेहमान टीम डकवर्थ लुईस नियम के हिसाब से आगे थी। हेमिल्टन मासाकाद्जा (28) और सोलोमोन मिरे (48) की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 67 रन जोड़ते हुए टीम को अच्छी शुरुआत दी। तारिसाइ मुसाकांडा (30) ने भी अच्छी पारी खेली लेकिन यह तीन अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल सके जिससे जिम्बाब्वे पर हार का खतरा मंडरा रहा था।
जिस वक्त बारिश आई तब क्रिज पर क्रेग (23 रन) और सीन विलियम्स( 3 रन) बनाकर मौजूद थे। बारिश जब रुकी तो जिम्बाब्वे को 219 रनों का लक्ष्य दिया गया। उसे 60 गेंदों में 80 रनों की दरकार थी।
क्रेग एक छोर पर खड़े रहे और 55 गेंदों में आठ चौकों और एक छक्के की मदद से तूफानी पारी खेली। मेहमान टीम को जीत दिलाने में अंत में मैल्कम वालर द्वारा खेली गई 13 गेंदों में 20 रनों की पारी का भी अहम योगदान रहा।
इससे पहले श्रीलंका ने निरोशन डिकवेला (116) और दनुष्का गुणातिलक (87) के बीच पहले विकेट की 209 रन की साझेदारी की बदौलत छह विकेट पर 300 रन बनाए। यह जोड़ी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगातार दो मैचों में दोहरी शतकीय साझेदारी करने वाली पहली जोड़ी बनी।
बायें हाथ के इन दोनों बल्लेबाजों ने इसी मैदान पर पिछले मैच में 229 रन की साझेदारी की थी और टीम को जीत दिलाई थी लेकिन इस पर इर्विन ने ऐसा नहीं होने दिया।
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