लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 में 31 मार्च 2016 तक 32 लाख कृषकों को किसान क्रेडिट कार्डों की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। किसान के्रडिट कार्डों के माध्यम से किसान भाईयों को कृषि निवेशों, कृषियंत्रों, खाद, उर्वरकों, सिंचाई संसाधनों, बीजों को क्रय करने तथा रिकार्ड फसल उत्पादन हेतु उन्हें 84 हजार करोड़ रूपये का फसली ऋण वितरित करने का भी निर्णय लिया गया है। प्रदेश सरकार किसानों की हर संभव सहायता सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह जानकारी संस्थागत वित्त एवं सर्वहित बीमा तथा वाध्य सहायतित परियोजना महानिदेशालय के महानिदेशक श्री शिवसिंह यादव ने दी। उन्होंने बताया कि बैंकांे को निर्देशित किया गया है कि किसान क्रेडिट कार्डों के वितरण कार्यक्रम में राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जो भी निर्देश जारी किये गये हैं, उसमें स्पष्ट रूप से उल्लिखित है कि खाताधारक का बैंक में एक ही खाता संचालित होगा अर्थात खाता सी0सी0 लिमिट के रूप में होगा, जिसका अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।
श्री यादव ने बताया कि फील्ड स्तर पर एवं इस महानिदेशालय को प्राप्त विभिन्न प्रत्यावेदनों से यह प्रतीत हो रहा है कि कतिपय बैंक शाखायें खाताधारक का ऋण खाता/अधिविकर्ष/सी0सी0 लिमिट खाता खोलकर खाताधारक को स्वीकृत धनराशि इस खाते से डेबिट कर ऋणी के बचत खाते में क्रेडिट करने की प्रक्रिया अपना रहे हैं जिसे खाताधारक संचालित करता है, जो नितान्त आपत्तिजनक है। इस प्रक्रिया से कम शिक्षित खाताधारक को असुविधा होती है, वहीं बैंकों द्वारा विन्डों ड्रेसिंग किया जाना सम्भावित है। इसके अतिरिक्त कृषि क्षेत्र में उपलब्ध कराये गये ऋण की सूचना जो भारत सरकार/नीति आयोग/राज्य सरकार/भारतीय रिजर्व बैंक/नाबार्ड आदि को प्रेषित की जाती है, वह त्रुटिपूर्ण हो सकती है
श्री यादव ने बैंकों से कहा है कि प्रत्येक बैंक यह पुष्टि करंे कि किसान के्रडिट कार्ड कार्यक्रम के अन्तर्गत कि उनकी बैंक शाखाओं द्वारा लाभार्थी किसान का एक ही खाता खोलकर उसे ही संचालित किया जायेगा। उन्होंने बैंकों को कठोर चेतावनी दी है, कि यदि शाखा प्रबन्धक किसान क्रेडिट कार्ड कार्यक्रम में खाताधारक के दो खाते संचालित करायेगें तो उन्हें बक्शा नहीं जायेगा।