18 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बीते 4 वर्षों में शिक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने 33 नई पहल कीं: श्री प्रकाश जावड़ेकर

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बीते चार साल के दौरान शिक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा 33 नई पहल की गईं। एचआरडी मंत्रालय की चार साल की उपलब्धियों के बारे में आज नई दिल्ली में हुए संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि सभी को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शिक्षा क्षेत्र को सुगम, गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय, सभी के लिए समानतापूर्ण और किफायती बनाने के लिए व्यापक बदलाव किए गए हैं और साथ ही शोध एवं नवाचार को बढ़ावा दिया गया है। संवाददाता सम्मेलन के दौरान एचआरडी, उच्च शिक्षा विभाग राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह, एचआरडी, विद्यालयी शिक्षा और साक्षरता विभाग राज्य मंत्री श्री उपेंद्र कुशवाहा भी उपस्थित रहे।

नई पहल ‘लर्निंग आउटकम्स’ (या सीखने के परिणाम) के बारे में बताते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि लर्निंग आउटकम्स हर साल हर विषय और कक्षा में विद्यार्थी द्वारा हासिल की गई क्षमताओं का एक बेंचमार्क है। इससे विद्यालयों, शिक्षकों और विद्यार्थियों में विश्वसनीयता आएगी, साथ ही अभिभावक विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर सकेंगे। मंत्री महोदय ने बताया कि बीते चार साल के दौरान 103 नए केंद्रीय विद्यालय और 62 नए नवोदय विद्यालय खोले गए हैं।

राष्ट्रीय मूल्यांकन सर्वेक्षण को दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय मूल्यांकन सर्वेक्षण बताते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि कक्षा 3, 5 और 8 के 22 लाख विद्यार्थी और कक्षा 10 के 15 लाख विद्यार्थियों का इस सर्वेक्षण में मूल्यांकन किया गया। उन्होंने कहा कि हर जिले और राज्य का शिक्षा से संबंधित विवरण मुख्यमंत्रियों, सांसदों और अधिकारियों के साथ साझा कर दिया गया है।

नो-डिटेंशन (अवरोध रहित) नीति का उल्लेख करते हुए एचआरडी मंत्री ने कहा कि बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2017 को संसद में पहले ही पेश किया जा चुका है और प्रस्तावित संशोधन के तहत राज्यों को कक्षा 5 और 8 में विद्यार्थियों की परीक्षा करानी होगी। यदि एक विद्यार्थी दूसरे प्रयास में भी असफल रहता है तो वह पढ़ाई जारी रख सकता/सकती है। इससे विद्यार्थी की पढ़ाई जारी रहेगी और उसके प्रदर्शन में सुधार होगा। शिक्षकों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने कहा कि जिन 14 लाख शिक्षकों ने डी. ईएल. ईडी. कोर्स नहीं किया है, वह ‘स्वयं’प्लेटफॉर्म पर कोर्स कर रहे हैं और उन्होंने पहले साल की परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण कर ली है।

श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार पाठ्यक्रम को दुरुस्त करने का काम भी कर रही है और उसे पाठ्यक्रम में कमी लाने के लिए 37 हजार सुझाव मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि मूल्यवान शिक्षा, अनुभव से युक्त पढ़ाई, जीवन कौशल शिक्षा, रचनात्मक कौशल और शारीरिक शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ज्यादा समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा के अंतर्गत प्रत्येक साल बजट में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जाएगी। श्री जावड़ेकर ने कहा कि प्रत्येक दिन 11.4 विद्यालयों में 9.5 करोड़ बच्चों को ताजा खाना परोसा जाता है, जिस पर प्रति वर्ष 17,000 करोड़ रुपये की लागत आती है। केंद्र सरकार खाने, परिवहन लागत, खाने को पौष्टिक बनाने के लिए ज्यादा धनराशि के आवंटन के माध्यम से कार्यक्रम को मजबूत बना रही है।

मंत्री महोदय ने कहा कि उच्‍च शिक्षा के मोर्चे पर बीते चार साल के दौरान 141 विश्वविद्यालय, 14 आईआईआईटी, 7 आईआईएम, 7 आईआईटी और 1 एनआईटी खोला गया है। उन्होंने कहा कि अगले 4 साल के दौरान उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (एचईएफए) 1,00,000 रुपये उपलब्ध कराएगी। ‘शिक्षा में बुनियादी ढांचा और प्रणालियों को 2022 तक पुनर्जीवित करने’ की पहल के तहत इसका क्रियान्वयन किया गया है। उच्च शिक्षा संस्थानों की स्वायत्तता पर उन्होंने कहा कि आईआईएम विधेयक पारित कर दिया गया है, वहीं 60 से ज्यादा विश्वविद्यालयों को ग्रेड आधारित स्वायत्तता दी गई है।

उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (आरयूएसए) के अंतर्गत बजट को तीन गुना बढ़ा दिया गया है। उन्होंने शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण के उद्देश्य से की गई एक अन्य पहल ज्ञान-शैक्षणिक नेटवर्क के लिए वैश्विक पहल के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि 58 देशों के 700 प्रोफेसर अभी तक 1,117 कोर्स करा चुके हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत इस साल 58 देशों के 800 प्रोफेसरों को कई कोर्स कराने हैं।

श्री जावड़ेकर ने कहा कि उत्कृष्टता और रैंकिंग से संबंधित एनआईआरएफ-राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क को लगातार तीसरे साल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। यह संस्थानों के बीच गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा की भावना से युक्त एक बेंचमार्क बन गया है। इसमें 4,500 से ज्यादा संस्थानों ने हिस्सा लिया है।

उन्होंने कहा कि डिजिटल पहल के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ संकायों के द्वारा 1,032 कोर्स के साथ स्वयं पोर्टल का शुभारंभ किया गया। इस परस्पर संवादात्मक शिक्षा कार्यक्रम का लाभ 20 लाख से ज्यादा उपयोगकर्ता उठा रहे हैं। राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय के अंतर्गत 1.7 करोड़ डिजिटल पुस्तकें और पत्रिकाओं का ऑनलाइन पुस्तकालय उपलब्ध है। 32 लाख पंजीकृत उपयोगकर्ता मुफ्त में एनडीएल का लाभ उठा रहे हैं। नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी के अंतर्गत प्रमाण पत्रों और डिग्रियों के इलेक्ट्रॉनिक भंडारण की सुविधा शुरू कर दी गई है। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा शुरू कर दी गई है। लगभग 400 विश्वविद्यालय परिसरों और 10,000 महाविद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा दे दी गई है।

श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इमप्रिंट-1 और 2 के साथ शोध और नवाचार की पहलों का शुभारंभ कर दिया गया है। इस पहल के अंतर्गत सामाजिक महत्व के मुद्दों पर शोध परियोजनाओं के लिए सार्वजनिक वित्तपोषण की शुरुआत की गई है। 323 परियोजनाओं पर काम चल रहा है।

उन्होंने कहा कि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन पहल के माध्यम से सामान्य समस्याओं का समाधान उपलब्ध कराने के लिए महाविद्यालय के विद्यार्थियों को खुला आमंत्रण दिया गया है। एसआईएच 2018 के दौरान 400 समस्याओं के लिए 1,00,000 विद्यार्थियों ने भाग लया। इस साल हार्डवेयर हैकाथॉन का भी आयोजन किया गया।

इन पहलों के बारे में ज्यादा विवरण के लिए कृपया लिंक पर क्लिक करें

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More