नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के इटारसी रेलवे स्टेशन पर नये रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआई) पैनल ने 21 जुलाई 2015 को 14:50 बजे से कार्य करना शुरू कर दिया है। इस नये आरआरआई द्वारा कार्य शुरू करने के कारण इटारसी होकर गुजरने वाली रेलगाड़ियों का संचालन अब सामान्य हो रहा है
जो पिछले 34 दिनों से बुरी तरह बाधित हो गया था। वैसे कुछ रेलगाड़ियां, अनेक रेलगाड़ियों के अचानक रद्द होने के कारण रेक असंतुलन की वजह से अगले दो-तीन दिन रद्द रहेंगी। केवल 15 रेलगाड़ियां 22 जुलाई 2015 को रद्द होंगी। जबकि 23 जुलाई को केवल 11 रेलगाड़ियां रद्द रहेंगी।
इटारसी पश्चिमी मध्य रेलवे के भोपाल डिवीजन का ऐसा महत्वपूर्ण जंक्शन/यार्ड है जहां से चारों दिशाओं में रेलगाड़ियों का संचालन होता है। इटारसी भारत के केन्द्रीय हिस्से में रणनीतिक रूप से स्थित है। जो रेलगाड़ियों के द्वारा देश के उत्तर –दक्षिण और पूर्व-पश्चिम भागों को जोड़ता है। इटारसी बंबई-भोपाल, भोपाल-नागपुर और बंबई-जबलपुर-इलाहाबाद मार्ग पर महत्वपूर्ण जंक्शन स्टेशन है। उल्लेखनीय है कि 17 जून 2015 को रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआई) पैनल में लगी भीषण आग की घटना में आरआरआई पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था। सिगनलिंग रिले रूम सिस्टम ऐसी प्रणाली है जिसके द्वारा विद्युत उपकरणों के माध्यम से एक कैबिन से जंक्शन स्टेशन पर रूटों के परिवर्तन के लिए प्रयुक्त किये गये सभी सिगनल और प्वांइट/क्रॉसिंग केन्द्रीय रूप से संचालित किये जाते हैं। इसके परिणाम स्वरूप इटारसी रेलवे स्टेशन पर पूरा ऑटोमेटिक रेलगाड़ी संचालन ध्वस्त हो गया था। जिससे इटारसी होकर गुजरने वाली रेलगाड़ियों का रूट बदला गया। सामान्य कार्यक्रम के अनुसार 145 अनुसूचित मेल एक्सप्रेस और यात्री रेलगाड़ियां तथा 50-60 मालगाड़ियां इटारसी स्टेशन से अप और डाऊन दिशाओं में गुजरती हैं। आरआरआई के नष्ट होने के कारण मानवीय परिचालन के माध्यम से इटारसी होकर गुजरने वाली रेलगाड़ियों की संख्या घटकर केवल 35 रह गयी। तीन दिन के अन्दर रेलवे इंजीनियरों, टेक्निशयनों ने 24 घंटे काम करके स्थाई पैनल लगाया जिससे मानवीय परिचालन से प्रतिदिन 35 रेलगाडियों के स्थान पर प्रतिदिन 110-120 रेलगाड़ियों को हैंडिल करने की योग्यता हासिल हुई। यह अंतरिम प्रंबध था जिससे रेलगाड़ी परिचालन में भारी राहत मिली। मानवीय व्यवस्था और इटारसी यार्ड में सुरक्षित रास्ते के सत्यापन के लिए सभी रेलगाडियों के गुजरने के लिए रेलगाड़ियों में लम्बा विलम्ब हुआ। परिणाम स्वरूप रेलगाड़ी हैंडल करने की क्षमता में 50 प्रतिशत कटौती हुई। इस स्थिति के कारण रेलगाड़ियों के सहज और सुरक्षित परिचालन के लिए रेलगाड़ियों को रद्द किया गया/ मार्ग बदला गया या कुछ मार्ग कटौती करने पड़ी। परिणाम स्वरूप परिचालन और सुरक्षा कारणों से रेलगाड़ियां रद्द करनी पड़ी।
20 जुलाई 2015 तक रद्द/परिवर्तित/मार्ग कटौती की गयी रेलगाड़ी सेवाओं का विवरण इस प्रकार है-
दिनांक | इटारसी से गुजरने वाली अनुसूचित ट्रेन | रद्द की गयी | मार्ग कटौती की गयी | परिवर्तित की गयी |
17.06.2015 to21.07.2015 | 5016 | 2404 | 17 | 259 |
भारतीय रेलवे ने नया आरआरआई पैनल कक्ष स्थापित करने का निर्णय लिया और काफी संख्या में अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती करके युद्ध स्तर पर काम शुरू किया। क्योंकि यह बहुत जटिल, बड़ा और उच्च तकनीकी का कार्य था, इसलिए पश्चिमी मध्य रेलवे की सक्षम अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम के साथ-साथ अन्य क्षेत्रीय रेलों को भी पूरी क्षमता और तेज गति से 24 घंटे काम करने के लिए जुटाया गया। एक समय एक हजार अधिकारी, तकनीशियन और अऩ्य कर्मचारी आरआरआई स्थापित करने के लिए 24 घंटे काम कर रहे थे। कम से कम समय में समानान्तर रूप में यथा संभव अधिक से अधिक गतिविधियों को जारी रखा गया ताकि 23 जुलाई 2015 तक नये आरआरआई को स्थापित करने के निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया जा सके। लेकिन पश्चिमी मध्य रेलवे इसे दो दिन पहले ही अर्थात 21 जुलाई तक स्थापित करने में सफल रही। इस कार्य का पर्यवेक्षण और सघन निगरानी रेलवे बोर्ड स्तर, क्षेत्रीय रेलवे (डब्ल्यूसीआर) स्तर, डिवीजन (भोपाल) स्तर पर की गयी। रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने व्यक्तिगत रूप से निगरानी रखी और कार्य की प्रगति के बारे में नियमित रिपोर्ट मांगी। दिल्ली से वरिष्ठ रेलवे बोर्ड अधिकारियों ने कार्य के पर्यवेक्षण के लिए इटारसी की यात्रा की। जीएम पश्चिमी मध्य रेलवे और डीआरएम भोपाल ने इस कार्य को तेजी से पूरा करने के लिए कार्य स्थल पर ही व्यक्तिगत कैम्प स्थापित किया। नया आरआरआई प्रमुख यार्ड रिमोडलिंग से युक्त है जो यार्ड परिचालन और 24 यात्री डिब्बों वाली रेलगाड़ियों को हैंडल करने में यातायात प्रवाह और लचीलेपन को और सरल बना देता है। मल्टीसेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर्स मानसून मौसम के दौरान प्रणाली की उपलब्धता बढ़ाते हैं। फायर अलार्म प्रणाली उपलब्ध कराई गयी है और अग्निदमन प्रणाली की भविष्य में ऐसी आग की घटनाओं से बचने के लिए योजना बनाई गयी है। इस नई आरआरआई प्रणाली में 700 किलोमीटर भूमिगत केबल, 108 प्वाइंट, 78 (मुख्य-42 और शंट 36) सिगनल्स, 144 डिजीटल एक्सल काउंटर के डिटेक्शन प्वाइंट, 32 ट्रेक सर्किट, 900 रिले, 2 सौ किलोमीटर से भी अधिक लंबाई के 60 हजार जम्पर्स और 2 लाख से अधिक वायर कनैक्शन लगे हैं।
वस्तुगत कार्य समाप्ति के बाद ऐसी बड़ी स्थापना का परीक्षण एक चुनौती था। इसकी शुरूआत बहुत महत्वपूर्ण थी सुरक्षा कारणों से इसका परीक्षण बहुत व्यापक हो गया था। कनैक्शन में छोटी सी भी गलती एक संभावित सुरक्षा खतरा बन सकती थी। इसलिए कम समय में इस चुनौती पूर्ण स्थिति के दौरान व्यापक परीक्षण करने के अलावा कोई चारा नहीं था। इस चुनौती का सभी स्तरों पर 24 घंटे श्रेष्ठ मानव संसाधन तैनात करके सामना किया गया और अधिकांश गतिविधियां लगातार बहुत निगरानी के साथ अऩेक स्तरों पर पूरी की गयी।