लखनऊ: खादी को जन सामान्य में लोकप्रिय बनाने एवं आधुनिक बाजार मांग के अनुरूप उत्पादन के लिए खादी कामगारों को आधुनिक तकनीकी का प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। इस वर्ष 120 खादी कामगारों को प्रशिक्षित किया जायेगा।
यह जानकारी प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग श्री नवनीत सहगल ने दी। उन्होंने बताया कि जनपद रायबरेली स्थिति राष्ट्रीय फैशन तकनीकी संस्थान के माध्यम से विगत दो वर्षों में 240 कामगारों को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया चुका है। उन्होंने बताया कि खादी में अधिक से अधिक स्वरोजगार सृजन के उद्देश्य से सोलर चर्खा प्रशिक्षण एवं वितरण योजना प्रस्तावित है। इसके प्रथम चरण में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के 400 चयनित लाभार्थियों सोलर चर्खा संचालन प्रशिक्षण प्रदान करते हुए खादी संस्थाओं के माध्यम से स्वरोजगार उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश में खादी एवं ग्रामोद्योग इकाइयों को विपणन सुविधा उपलब्ध कराने तथा जन सामान्य में खादी को लोकप्रिय तथा सर्वसुलभ बनाने के उद्देश्य से आन लाइन मार्केटिंग पर विशेष बल दिया जा रहा है। इसके लिए आन-लाइन सामान बेंचने वाली प्रतिष्ठित कम्पनी ‘‘अमेजन’’ से समझौता भी किया गया है। वर्तमान में प्रदेश की 10 इकाईयों के उत्पाद आन लाइन बिक्री हेतु अमेजन के प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं।
श्री सहगल ने बताया कि 40 खादी एवं ग्रामोद्योगी इकाईयों के उत्पादों का चयन करते हुए फोटोशूट आदि की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। जल्द ही ग्राहक इन उत्पादों को आन-लाइन खरीद सकेंगे। इसके अलावा खादी को अन्तरर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं।
प्रमुख सचिव ने बताया कि बिक्री पर छूट आधारित रिबेट योजना के स्थान पर उत्पादन पर छूट देने की व्यवस्था की गई है। इस पर आधारित पं0 दीनदयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना लागू की गयी है। इस योजना में प्रदेश के खादी उत्पादकों को उत्पादन लागत पर वर्ष पर्यन्त 15 प्रतिशत की दर से छूट उपलब्ध करायी जायेगी। इसमें 05 प्रतिशत अंश संस्थाओं में कार्यरत कामगारों को सीधे उनके खाते में बोनस के रूप में दिया जायेगा तथा अवशेष 10 प्रतिशत संस्थाओं को अवस्थापना सुविधा विकास एवं विपणन संवर्द्धन हेतु प्रदान किया जायेगा।