नई दिल्ली: पणजी में 46वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह का पर्दा उठने में दो दिन और बचे हैं। उत्सव की तैयारी के लिए आस-पास के इलाके में गतिविधियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। एक फिल्म बनाने के लिए जिस तरह फिल्म के विभिन्न भागों और कामों में सहयोग किया जाता है, उसी तरह फिल्म समारोह की तैयारी में भी पूरे सहयोग से काम चल रहा है। इसके लिए महत्वपूर्ण स्थानों की रंगीन सजावट की जा रही है। कारीगर पूरे जोर-शोर के साथ समारोह स्थलों में जीवन्तता पैदा करने के लिए प्रयासरत हैं।
पणजी और उसके आस-पास के इलाके में भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह का लोगो और प्रतीक-चिन्ह मोर के कटआउट लगाये जा रहे हैं। ये कटआउट धातु, प्लाईवुड और फाईबर के बने हैं। मोर के पंख नीले और बैंगनी रंग में फिल्म की रील का प्रतीक दे रहे हैं। 46वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के लिए यह प्रतीक चिन्ह तैयार हो चुका है। लोगो और प्रतीक चिन्ह को तरह-तरह का आकार दिया गया है। उल्लेखनीय है कि 1974-75 में आयोजित पांचवें समारोह में भारत ने अपने राष्ट्रीय पक्षी मोर को स्थायी प्रतीक चिन्ह बनाया था।
इमारतों, सड़कों और फिल्म समारोह स्थलों को रौशन करने का काम चल रहा है। इनॉक्स थियेटर के प्रवेश द्वार पर धातु के फ्रेम में मोर को सजाया गया है। खम्बों पर नाचते हुए मोर की थ्री-डी छवि रखी गई है। इसके पंखों की प्रतिच्छाया लाल कालीन क्षेत्र पर पड़ रही है। समारोह स्थल में कई स्थानों पर एलईडी स्क्रीनें लगाई गईं हैं। कोर्टालिम सर्किल और हवाई अड्डे जैसे दूर के स्थानो को भी समारोह के लिए सजाया जा रहा है।
संक्षेप में गोवा 46वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में आने वाले फिल्मी हस्तियों और प्रतिनिधियों का स्वागत करने के लिए तैयार हो रहा है।