देहरादून: काशीपुर की 47 वर्षीय महिला घर पर काम करने के दौरान गिर गई थी जिसके बाद उनके दोनों कूल्हों में फ्रैक्चर हो गया। इसके बाद वह कई महीनों तक बिस्तर पर पड़ी रही और दर्द से कराह रही थी। देहरादून के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में उनके दोनों कूल्हों को एक साथ बदलने के लिए बाइलेटरल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई जिसके बाद अब वह दोबारा चलने -फिरने और कामकाज करने में सक्षम हो गई है।
बाइलेटरल हिप रिप्लसमेंट को सफल अंजाम देने वाले अस्पताल के आर्थोपेडिक विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ़ गौरव गुप्ता के अनुसार दोनों कूल्हों में फ्रैक्चर होने पर हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की जरूरत पडती है जो कि इस उम्र में बहुत कम की जाती है लेकिन फ्रैक्चर का समय पर इलाज नहीं होने के कारण मरीज की हालत खराब हो गई और ऐसे में कूल्हे के जोडों को बदलने के अलावा कोई और चारा नहीं था।‘‘
होली के त्यौहार के दौरान निर्देश कुमारी फिसल गई थी और जिसके कारण उनके दाहिने कूल्हे में फ्रैक्चर हो गया। उसके तुरंत बाद ही उनके दाहिने कूल्हे की जोड के आसपास भीषण दर्द होने लगा जो कि समय के साथ तेज होता गया। शीघ्र ही उनके लिए चलना – फिरना यहां तक कि अपने दोनों पैरों पर खडा होना कठिन हो गया।
पास के डाक्टरों ने दर्द से राहत के लिए कुछ दवाइयां लेने को कहा साथ ही कुछ शारीरिक व्यायाम करने का सुझाव दिया। स्थानीय डाक्टरों को लगा कि नस में खिचाव आने से मरीज को दर्द हो रहा है। मरीज ने एक पैर के सहारे ही चलना फिरना और घर के काम काज करना जारी रखा। अगले कुछ सप्ताह के दौरान उनकी हालत और खराब हो गई और उन्हें उनके बायें कूल्हे में भी उसी तरह से दर्द होने लगा मानों उसमें भी फ्रैक्चर हो गया हो। आखिरकार मरीज ने बिस्तर पकड लिया।
मरीज के बेटे सचिन कुमार ने कहा, महामारी के कारण सामान्य लॉकडाउन लागू होने के लगभग एक हफ्ते बाद, मेरी माँ को कूल्हे के क्षेत्र में असहनीय दर्द होने लगा और वह नहीं चल पाती थी और न ही खड़ी हो पाती थी। हम सब बहुत तनाव में आ गए। हमने इलाके के कई ऑर्थोपेडिक्स डॉक्टरों से सलाह ली जिन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें उस पैर के सहारे चलने की कोशिश करनी चाहिए जो ठीक है ताकि कूल्हे में अकड़न न बढ़े। इसके कारण उसके शरीर का सारा भार बाएं पैर को उठाना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप बाएं कूल्हे के जोड़ में भी फ्रैक्चर हो गया। ”
डॉक्टरों ने तत्काल सर्जरी कराने की सलाह दी लेकिन कोविड-19 के संक्रमण के जोखिम के कारण कोई भी डाक्टर सर्जरी करने को तैयार नहीं हुए। यही नहीं अनेक अस्पतालों में होने वाली नियमित सर्जरी भी बंद थी। काफी खोजदृबीन के बाद सचिन को पता चला कि देहरादून के मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉ गौरव गुप्ता के बारे में पता चला। परिवार ने वीडियो कॉल के माध्यम से उनसे सलाह ली। डॉ। गुप्ता ने सभी मेडिकल रिपोर्ट देखने और स्थिति की समीक्षा करने के बाद, मरीज को बिना किसी देरी के इलाज के लिए देहरादून लाने की सिफारिश की। कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए परिवार के लोगों को आश्वासन दिया गया कि सभी सुरक्षात्मक उपायों के साथ शीघ्र सर्जरी की जाएगी।
काफी प्रयासों के बाद, परिवार ने जिला प्रशासन से यात्रा पास प्राप्त किया और वे लोग देहरादून के मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंचने में कामयाब रहे जहां मरीज का बाइलेटरल हिप ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया गया।
डॉ़ गौरव गुप्ता ने कहाः ’ मरीज को बिलटेरल हिप जॉइंट फ्रैक्चर था जो इस उम्र में बहुत ही असामान्य है। वह एक महीने से अधिक समय से चलने-फिरने में पूरी तरह से असमर्थ थी और समुचित इलाज नहीं होने के कारण अन्य चिकित्सा जटिलताएं होने लगी थीं और हर समय उन्हें बिस्तर पर पडे रहना पड रहा था। हमने उनके दोनों कूल्हों को बदलने की सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी की। कुछ दिन के बाद मरीज ने फिजियोथिरेपी टीम की मदद से शारीरिक व्यायाम करना शुरू कर दिया। उनकी सेहत में बहुत जल्द सुधार हुआ और उन्हें सही-सलामत अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और तब से वह सामान्य रूप से चलने – फिरने में सक्षम है। ’
मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल, देहरादून के यूनिट हेड एवं वाइस प्रसीडेंट डा़ संदीप सिंह तंवर ने कहा’ “डॉ. संदीप सिंह तंवर – वाइस प्रेसिडेंट और यूनिट हेड ने कहा, “मैक्स अस्पताल, देहरादून इस महामारी के दौरान सभी आपात स्थितियों और मेडिकल/क्लीनिकल मामलों के इलाज के लिए सबसे आगे रहा है। हमारी टीम यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण गैर कोविड उपचार में कोई बाधा न आए। देशव्यापी लॉकडाउन के बीच, मैक्स अस्पताल, देहरादून बिना थके हमेशा की तरह अपने समर्थन, सेवाओं और कार्यों का विस्तारध्संचालन कर रहा है।”