देहरादून: पूर्व प्रधानमंत्री व राष्ट्रनायक श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी के जन्म दिवस (25 दिसम्बर) को पूरे देश में सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। राज्य में सुशासन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों को इस साल से मुख्यमंत्री उत्कृष्टता एवं सुशासन पुरस्कार-2018 दिये जाने का निर्णय लिया गया है। इस पुरस्कार के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित चयन समिति की संस्तुति के आधार पर सामूहिक श्रेणी और व्यक्तिगत श्रेणी के आधार पर 48 कार्मिकों का चयन किया गया है। इन चयनित कार्मिकों को गणतन्त्र दिवस की पूर्व संध्या पर पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चयनित सभी कार्मिकों को शुभकामनाएं दी और अपील की कि सभी पूरे मनोयोग और निष्ठा से प्रदेश एवं जनता के हित में कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छे शासन से ही देश एवं प्रदेश में नागरिकों को हर क्षेत्र में बेहतर सेवायें प्रदान की जा सकती है। प्रत्येक स्तर के कार्मिक जब पूरे मनोयोग और ईमानदारी से कार्य करते हैं तभी प्रदेश में वास्तविक रूप से हर व्यक्ति तक विकास की किरण पहुंच सकेगी। अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) श्रीमती राधा रतूडी ने बताया कि उत्तराखण्ड में सकारात्मक वातावरण विकसित करने और प्रत्येक नागरिक को बेहतर सेवायें मुहैया कराने के उददेश्य से मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर प्रदेश में पहली बार इस पुरस्कार के लिये कार्मिकों के चयन का निर्णय लिया गया।
उत्तराखण्ड में सुशासन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले अधिकारियों में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी, प्रभागीय वन अधिकारी, नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, डाॅक्टर, पेयजल-बिजली, लो.नि.विभाग व सिंचाई विभाग के इंजीनियर, पुलिस प्रशासन, एसडीआरएफ, पर्यावरण मित्र आदि को व्यक्तिगत श्रेणी में उल्लेखनीय कार्य के लिये पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। टीम भावना से कार्य करने के लिये 04 पुरस्कार सामूहिक श्रेणी में दिये जाने का निर्णय लिया गया है। उत्तराखण्ड इनवेस्टर समिट 2018, अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस, केदारनाथ पुनर्निर्माण एवं कोसी पुर्नजीवन संबंधी कार्यों के लिये भी पुरस्कृत करने का निर्णय लिया गया है।
पुरस्कार का उददेश्य- सुशासन के क्षेत्र में कुशल पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त शासन में योगदान देने वाले योग्य एवं कर्मठ अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवाओं को प्रोत्साहित करना है। इससे प्रदेश के अन्तिम छोर के कर्मचारियों से शीर्ष अधिकारियों तक में प्रशासन के क्षेत्र में कार्य करने में नई ऊर्जा का संचार होगा और प्रदेश के समग्र एवं सतत विकास में तेजी आएगी। साथ ही आम जन को अधिक से अधिक लाभ मिल सकेगा। कार्मिकों को प्रोत्साहित करने के लिए इस प्रक्रिया को आगामी वर्षों में भी जारी रखा जाएगा।