नई दिल्ली: मिलेनियम एलायंस राउंड 6 और कोविड-19 नवाचार चुनौती-पुरस्कार समारोह, जिसने भारत के 5 केन्द्रित क्षेत्रों में 49 अभिनव समाधानों को मान्यता दी, ने अत्यधिक वितरित नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
यह घोषणा करते हुए कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) जल्द ही एक नया कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है जिसमें अत्यधिक वितरित नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र है, डीएसटी सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि एक नवाचार करने के लिए नेटवर्किंग, समर्थन, पर्याप्त धनराशि, प्रोटोटाइप सुविधा और इन सभी सुविधाओं का होना महत्वपूर्ण है जो इन इनक्यूबेटरों के भौतिक स्थान के बाहर प्रदान किया जा सकता है।
प्रोफेसर शर्मा ने कहा “डीएसटी वर्तमान में देश भर में इन इनक्यूबेटरों के भीतर 4000 से अधिक प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स के साथ 150 प्रौद्योगिकी व्यापार इनक्यूबेटरों का समर्थन करता है, जिसने इसकी संख्या को बढ़ाने के लिए बहुत सारे विस्तृत विचारों और योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। मिलेनियम एलायंस, अन्य सहयोगियों-यूएसएआईडी, फिक्की, डीएफआईडी जैसे संगठनों के साथ इस यात्रा में मजबूत भागीदारी अदा कर रहा है।”
यूएस चार्जे डी’एफ़ेयर एडगार्ड डी. कागान ने बताया, “मिलेनियम एलायंस यूएसएआईडी और भारत सरकार की साझेदारी के महत्व को दर्शाता है और यह ऐसे अन्य भागीदारों को भी साथ लाने के लिए व्यापक हुआ है, जिनमें से प्रत्येक ने कुछ-न-कुछ योगदान दिया है।” मिलेनियम अलायंस राउंड-6 & कोविड-19 नवाचार चुनौती-पुरस्कार के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि यह विशेष प्रयास केवल नवाचारों का समर्थन करने के लिए नहीं है, बल्कि उद्यमिता और आदान-प्रदान के अमेरिका-भारत संबंधों के सबसे महत्वपूर्ण बिल्डिंग ब्लॉक्स में से एक के लिए समर्थन को पुनर्परिभाषित करने के बारे में भी है।”
भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त सर फिलिप बार्टन ने कहा, ““मिलेनियम अलायंस (गठजोड़) उस तरीके को दर्शाता है जिसमें सभी भागीदारों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ ऊर्जा, जल और स्वच्छता, कृषि क्षेत्रों और अफ्रीका तथा दक्षिण एशिया के देशों में स्थानीय नवाचारों में एक साथ विशेषज्ञता स्थानांतरित की है। यह भी दर्शाता है कि इस साझेदारी के माध्यम से भारत में परिकल्पित की गई चीजों का वैश्विक प्रभाव क्या है?”
18 अगस्त, 2020 को वर्चुअल माध्यम से आयोजित पुरस्कार समारोह में, भारत में 5 केन्द्रित क्षेत्रों में उनके नवाचारों के लिए कुल 49 अभिनव समाधानों हेतु 26 करोड़ रुपये की राशि से सम्मानित किया गया, ये क्षेत्र शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ ऊर्जा, जल और स्वच्छता, कृषि और नेपाल, रवांडा, युगांडा, बांग्लादेश, केन्या जैसे दक्षिण एशियाई तथा अफ्रीकी देशों में चलाई जा रही पायलट परियोजनाओं के साथ वैश्विक रूप से केन्द्रित क्षेत्र हैं। इसके अलावा, 16 नवाचारकों को कोविड-19 नवाचार चुनौती श्रेणी में सम्मानित किया गया। ये सम्मानित नवाचार कार्यक्रम भागीदारों और विषय विशेषज्ञों की मदद से फिक्की द्वारा किए गए एक कठोर मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद चुने गए थे।
इस पुरस्कार समारोह का आयोजन उनके सहयोगी संगठनों- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार, भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की), द यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी), यूके का अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग, फेसबुक और मैरिको इनोवेशन फाउंडेशन के गणमान्य लोगों और प्रतिनिधियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
समारोह में बोलते हुए, फिक्की स्टार्ट-अप कमेटी के अध्यक्ष एवं एचसीएल के संस्थापक श्री अजय चौधरी ने कहा, “मिलेनियम अलायंस ने भारतीय स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए वित्त पोषण प्रदान करने हेतु एक केंद्रित सेवा शुरू करके कोविड-19 नवाचारों की तत्काल आवश्यकता को पूरा किया है, जिनकी प्रौद्योगिकियों को जल्दी से लागू कर महामारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है। तीन सप्ताह के भीतर 400 से अधिक इनोवेटर्स ने इसके लिए आवेदन किया।”
मिलेनियम अलायंस एक नवाचार-संचालित और प्रभाव-केंद्रित पहल है, जो वैश्विक विकास समाधानों को संबोधित करने वाले परीक्षण और पैमाने पर भारतीय नवाचारों की पहचान करने के लिए सहयोगपूर्ण संसाधनों का लाभ उठाती है। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी), भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग परिसंघ (फिक्की), यूके सरकार के अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (डीएफआईडी), फेसबुक और मैरिको इनोवेशन फाउंडेशन सहित भागीदारों (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) का एक संघ है। यह कार्यक्रम वर्तमान में छठे वर्ष में चल रहा है और इसने भारतीय सामाजिक उद्यमों को वित्त पोषण, क्षमता निर्माण और व्यवसाय विकास सहायता प्रदान करने में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है।