देश की आबादी का 70 फीसदी हिस्स्सा प्रत्यक्षतः कृषि से जुड़ा है जिसकी समस्याओं की लम्बी फेहरिस्त है, किन्तु उनकी समस्याओं को शासन तक पहुंचाने अथवा उनके समाधान के लिए अभी तक कोई प्रभावी माध्यम दिखाई नही देता। किसान, प्रशासन और मीडिया को जोड़ते हुए किसानों को लाभपूर्ण कृषि एवं पशुपालन की दिशा में ले जाना सूचना तंत्र पर भी निर्भर करता है। किसानों के प्रवक्ता और मार्ग दर्शक के रूप में कोई समाचार पत्र यदि दोनों ओर की बातों को बहस के रूप में सामने रखता रहे तो एक अच्छी आर्थिक नीति और समृद्धि कृषि का निर्माण हो सकता है। देश को भी किसानों के माध्यम से खुशहाली मिलती रहेगी, जबकि बाजार में आज समाचार पत्र या पत्रिकाएं उपलब्ध है वे सतही शहरी क्षेत्र के माध्यम से मात्र 30 फीसदी लोगों के लिए प्रकाशित हो रही है इसी तरह कृषि पर आधारित जो पत्र-पत्रिकाएं आज ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध है वह सरकारी सूचनाएं, विज्ञप्तियां या लेख आदि से ही सरोवर है जिनमें किसानों को कोई विशेष भला होने वाला नही है क्योंकि इस तरह की सूचनाएं दूरदर्शन के माध्यम से हर रोज मिल जाती है।
यही नहीं आज भारत की परम्परागत खेती और किसान नई सदी में करवट ले रहा है। विश्व के व्यापीकरण को देखते हुए किसानों को नई प्रौद्योगिकी से भी जोड़ना होगा। समय की मांग है कि नई पीढ़ी के किसान जहां लाभपूर्ण खेती करना चाहते है और विश्व व्यापार से जुड़ना चाहते है उन्हें आज की स्थिति में एक समग्र माध्यम से सहारा लेना होगा।
आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि हम इसी कमी को पूरा करने के लिए लखनऊ से कृषि और किसान पर आधारित एक वेब पोर्टल श्रमजीवी जर्नलिस्ट का प्रकाशन आरम्भ कर रहे है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त यू0पी0 न्यूज फीचर्स एजेन्सी एवं प्रिन्ट मीडिया समूह से सम्बद्ध
- भारतीय किसानों को पानी, बिजली, खाद्य बीज, कीटनाशकों तथा अन्य कृषि संबंधी समस्याओं को उजागर करना।
- पम्पसैट व अन्य कृषि उपकरणों की खरीद में ऋण एवं कमीशन खोरी रोकने की समस्या।
- कृषि और किसान से जुड़ी राष्ट्रीय समस्याओं पर नियमित परिचर्चा जिसमें सभी प्रदेशों के किसानों की प्रतिनिधित्व।
- लाभपूर्ण रिकार्ड फसल पैदा करने किसानों की सफल कहानी तथा ग्रामीण नेतृत्व के उपयोगी विचार।
- पंचायती रिकार्ड फसल पैदा करनेवाले किसानों की सफल कहानी तथा ग्रामीण नेतृत्व के उपयोगी विचार।
- पंचायती राज, सहकारी समितियों, खंड विकास एवं ग्राम विकास से संबंधित सारगर्भित जानकारी।
- सरकार की नीतियों से अवगत कराना तथा उनका लाभ लेने के लिए मार्ग दर्शन।
- आधुनिक एवं वैज्ञानिक खेती की निरन्तर जानकारी।
- सभी फसलों के बारे में विस्तृत जानकारी एवं समय-समय पर फसल संबंधी विशेषांक तथा उन पर किसानों के अपने विचार व समस्याएं उन्हीं के शब्दों में।
- पशुपालन के विकास व बागबानी से संबंधित आधुनिक टेक्नालाॅजी।
- कृषि पर आधारित छोटे उद्योगों की समस्याएं व समाधान।
- कृषि उत्पादों का विदेशी व्यापार व पेटेंट नियमन आदि।
चूंकि आप कृषि जगत में सीधा रखते है इस नाते आपके बहुमूल्य सुझाव देश के 70 फीसदी वर्ग को नई दिशा दे सकते है।
अस्तु आपसे अनुरोध है कि अपने अनुभव के आधार पर वेब पोर्टल श्रमजीवी जर्नलिस्ट्स के लिए सुझाव दें कि किन विषयों को इसमें और शामिल किया जाए अथवा इसका प्रारूप कैसा रखा जाए जिससे यह पत्र किसानों के लिए अधिक उपयोगी बन सकें।
हमें पूर्ण विश्वास है कि आप इस पत्र का निजी तौर पर अवलोकन कर सप्ताह के अन्दर ही किसान हित में अपने सुझाव भेजकर हमारा मार्ग दर्शन करेंगे। आपके उत्तर की प्रतीक्षा में सादर।
हमारी ई-मेल: http://www.shramjeevijournalist.com
आपका शुभेच्छु
(रूद्रेश घिल्डियाल) (महेन्द्र कुमार) प्रधान सम्पादक सह-सम्पादक
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