17 सितंबर से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एकदिवसीय श्रृखंला शुरु होगी। पहले तीन एकदिवसीय मैचों के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो चुका है। हर बार की तरह इस बार भी श्रृंखला में चयन को लेकर चर्चा और बहस जारी है।
चयनकर्ताओं ने अपनी रोटेशन पॉलिसी को जारी रखा है क्योंकि वे 2019 विश्व कप के लिए एक कोर टीम बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, गेंदबाजी में कुछ बदलावों को छोड़कर, चयनकर्ताओं ने बल्लेबाजी में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है और इसलिए ‘तथाकथित’ प्रयोगों के बारे में सवाल उठना लाज़मी है।
इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही 5 नामों के बारें में बतायेंगे जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में अपनी जगह बनाने में नाकामयाब रहे
1 ऋषभ पंत
धोनी के बाद से किसी भी विकेटकीपर बल्लेबाज ने भारतीय क्रिकेट में इतनी दिलचस्पी नहीं पैदा की, लेकिन दिल्ली के इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने लोगों को उनके बारे में जानने को मजबूर कर दिया है और यहां तक कि चयनकर्ता भी उस पर करीबी नजर रखने लगे।
हालांकि चयनकर्ता पंत को लेकर अभी भी एकदिवसीय क्रिकेट के लिए अपनी योजनाओं पर स्पष्ट नहीं हैं, जो कि एक रहस्य है क्योंकि वे एमएस धोनी पर भारी दांव लगा रहे हैं । अगर चीजें योजना के अनुसार नहीं होती हैं तो भारतीय टीम के लिए विश्व कप 2019 की राह आसान नहीं होगी।
यह श्रृंखला पंत की क्षमताओं को परखने के लिए सबसे अच्छा तरीका हो सकती थी । उन्हें अपने स्वभाविक खेल खेलने का मौका दिया जा सकता था, जिसके बाद चयनकर्ता उनकी क्षमता को आंक सकते थे।
2 युवराज सिंह
जब वेस्टइंडीज श्रृंखला के बाद इस खिलाड़ी को टीम से बाहर कर दिया गया था तो चयन समिति के प्रमुख एमएसके प्रसाद ने कहा कि यह एक रोटेशनल पॉलिसी का हिस्सा है। इसके तहत युवराज सिंह को आराम दिया गया है।
हालांकि कई खिलाड़ियों का कहना था कि युवराज सिंह को आराम नहीं दिया गया है, बल्कि उन्हे टीम से बाहर किया गया है। युवराज ने इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था और अपने इस प्रदर्शन को बाद में चैंपियंस ट्रॉफी में भी जारी रखा था। हालांकि युवराज सिंह ने आराम दिए जाने को लेकर अपनी तरफ से कुछ बयान नहीं दिया था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला उनके लिए लाभदायक साबित हो सकती थी, लेकिन स्पष्ट रूप से चयनकर्ताओं ने कुछ अलग ढंग से सोचा।
3 श्रेयस अय्यर
मुंबई का यह युवा सितारा पिछले कुछ समय से टीम इंडिया के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। श्रेयस को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट टीम में शामिल किया गया था, लेकिन वह एक भी मैच में अंतिम 11 में जगह नहीं बना पाए। हालांकि घरेलू क्रिकेट में उनका शानदार प्रदर्शन लगातार जारी है और इंडिया ए के लिए भी वो काफी बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस साल श्रेयस ने आईपीएल में अपनी शानदार चमक बिखेरी और दक्षिण अफ्रीका में भारती ए टीम की तरफ से अपने उसी शानदार प्रदर्शन को जारी रखा । उन्होंने दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ तेज शतक लगाकर अपनी टीम को चैंपियन बनने में मदद की। जिस तरह भारतीय टॉप शीर्ष क्रम को लेकर माथापच्ची की जा रही है। चयनकर्ता चाहते तो उन्हें एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर सकते थे।
4 शार्दुल ठाकुर
महाराष्ट्र के इस तेज गेंदबाज ने मैदान पर प्रदर्शन के मुकाबले अपनी जर्सी के नंबर से सबका ध्यान अपनी तरफ अधिक खीचा। हालांकि शार्दुल ने श्रीलंका के खिलाफ खेले गये चौथे एकदिवसीय मैच से अपने करियर की एक अच्छी शुरुआत की। लेकिन अगला मैच उनके हाथ से निकल गया, पर निश्चित रूप से ठाकुर एक लंबी पारी के हकदार थे क्योंकि उनके पास उपयोगी परिस्थितियों में एक अच्छी गेंदबाजी करने की क्षमता थी।
इंग्लैंड में होने वाले अगले विश्व कप को ध्यान में रखते हुए भारतीय चयनकर्ता उनके साथ बने रह सकते थे ताकि लंबे समय के लिए उन्हें मैदान पर और बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिलता।
5 दिनेश कार्तिक
भारतीय टीम में चयन को लेकर दिनेश कार्तिक काफी दुर्भाग्यशाली रहे हैं। लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद कई बार उन्हे टीम में जगह नहीं मिली। चैंपियंस ट्रॉफी और उसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ श्रृंखला में उन्होंने कुछ अच्छे रन बनाए थे लेकिन श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में उन्हे मौका नहीं मिला।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में नंबर 4 पर दिनेश कार्तिक को आजमाया जा सकता था। इसके अलावा अगर टीम धोनी को नंबर 4 पर बतौर विशेषज्ञ बल्लेबाज टीम में खिलाती है तो वो जरूरत के अनुसार विकेटकीपिंग भी कर सकते हैं।
By: Sportskeeda