नई दिल्ली: वस्त्र मंत्रालय ने अगले तीन वर्षों में 5 लाख हथकरघा बुनकरों को मुद्रा ऋण देने का लक्ष्य रखा है। इस आशय की घोषणा केंद्रीय वस्त्र सचिव श्रीमती रश्मि वर्मा ने कल नई दिल्ली में हथकरघा बुनकरों एवं कारीगरों के लिए मुद्रा योजना पर आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यशाला में की, जिसका आयोजन वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त (हथकरघा) कार्यालय द्वारा किया गया।
इस कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए श्रीमती वर्मा ने कहा कि सरकार इन सभी पर विशेष ध्यान दे रही है i) बुनकरों का कौशल उन्नयन ii) करघों का उन्नयन iii) उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करना iv) ऋण तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना औरv) अच्छी गुणवत्ता वाले हथकरघा उत्पादों की ब्रांडिंग।
हथकरघा क्षेत्र के लिए मुद्रा के तहत नया मॉडल
वस्त्र सचिव ने यह भी बताया कि बुनकरों की कमाई बढ़ाने के मार्ग में कार्यशील पूंजी की उपलब्धता की विशेष अहमियत है। उन्होंने कहा कि बुनकर क्रेडिट कार्ड योजना का क्रियान्वयन पूरी तरह संतोषजनक नहीं रहा है और प्रति व्यक्ति मंजूर राशि कम है तथा प्रक्रियाएं जटिल हैं।
श्रीमती वर्मा ने बताया कि सरकार ने हथकरघा क्षेत्र को ऋण मुहैया कराने के लिए मुद्रा योजना के तहत एक नया मॉडल तैयार किया है। इस नये मॉडल में रियायती ऋण के विभिन्न अवयवों जैसे कि मार्जिन मनी, ब्याज सब्सिडी और ऋण गारंटी कवर का संयोजन किया गया है।
इस पहल का स्वागत करते हुए मुख्य अतिथि एवं वित्तीय सेवा विभाग में सचिव श्रीमती अंजुली चिब दुग्गल ने कहा कि मुद्रा योजना के तहत हथकरघा बुनकरों को ऋण मुहैया कराना राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के नियमित एजेंडे का एक हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें हथकरघा बुनकरों को उद्यमियों में बदलने की क्षमता है।
क्रियान्वयन का खाका
वस्त्र मंत्रालय ने 5 लाख का लक्ष्य पाने के लिए प्रत्येक राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश से तीन वर्षीय कार्य योजना तैयार करने का आग्रह किया है। यह कार्ययोजना सभी हथकरघा क्लस्टरों को कवर करेगी, जिसका उद्देश्य सभी योग्य, इच्छुक एवं डिफॉल्ट न करने वाले हथकरघा बुनकरों को मुद्रा ऋण मुहैया कराना है। बैंकों एवं इस स्कीम में भागीदारी करने की उनकी इच्छा को ध्यान में रखते हुए इस योजना के तहत हर क्लस्टर के लिए बैंकों को चिन्हित भी किया जाएगा। कार्यशाला के दौरान तमिलनाडु ने कवरेज के लिए अपनी योजना पेश की।
वस्त्र मंत्रालय में अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार श्री जे.के.डाडू, विकास आयुक्त (हथकरघा) श्री आलोक कुमार और विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) श्री के. गोपाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे। राज्यों, भारतीय बैंक संघ, बैंकों और बुनकर सेवा केंद्रों के प्रतिनिधियों ने भी इस कार्यशाला में हिस्सा लिया।
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